May 18, 2024

लखनऊ ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के आरक्षण को लेकर सरगर्मियां बेहद तेज़ है। आरक्षण मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से मंगलवार को मिली हार के बाद अब योगी सरकार भी पूरे एक्शन मोड में नजर आ रही हैं क्योंकि एक तरफ लखनऊ खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग और सरकार को 31 जनवरी 2023 तक निकाय चुनाव खत्म कराने को कहा है, तो वहीं दूसरी तरफ यूपी सरकार आरक्षण को लेकर बेहद सख्त है। सरकार के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के बाद ही निकाय चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। ऐसे में यूपी सरकार ने अब स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया है। इस आयोग में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि उनके अलावा रिटायर आईएएस अधिकारी रहे चौब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार व अन्य दो लोगों को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।

जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

गौरतलब है कि मंगलवार को लखनऊ खंडपीठ द्वारा यूपी निकाय चुनाव आरक्षण मामले को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था जिसमें बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव कराने की बात कही गई थी। जिसके बाद यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। इसके अलावा यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सरकार नगर निकाय सामान्य चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी. उसके बाद ही नगर निकाय चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा। इसके साथ ही योगी सरकार ने कहा था कि अगर जरुरत पड़ी तो वो इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में अपील भी करेगी।

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