LAC पर चीन की नई चाल, चीन का नया बॉर्डर कानून बढ़ाएगा भारत की चिंता ? भारत पर क्या होगा इस कानून का असर, जानिए
नेशनल डेस्क,
भारत-चीन के तनाव के बीच चीन ने बॉर्डर सिक्योरिटी से जुड़ा एक कानून पास किया है. चीन ने लैंड बॉर्डर कानून के पीछे अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का हवाला दिया है. इस कानून के पारित होने से एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनाव और गहरा सकता है.
चीन हमेशा से ही अपनी विस्तारवाद नीति को लेकर कोई ना कोई चाल चलता आया है. और अपने पड़ोसी देशों को परेशान करता आया है फिर चाहे वो भारत हो या फिर ताइवान. चीन कई नाकाम कोशिश के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
ये कानून है क्या ?
इस कानून को मार्च 2021 में पेश किया गया था और 23 अक्टूबर को इसे नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमेटी की मंजूरी दे दी थी. अब 1 जनवरी 2022 से ये कानून लागू होगा. इस कानून में चीन की सीमा के आसपास मूवमेंट, सीमा विवाद, जल विवाद, तस्करी, घुसपैठ जैसे कई मुद्दों को कवर किया गया है. चीन इस कानून के तहत मिलिट्री और सिविलियन की भूमिका को मजबूत करेगा. और बॉर्डर से जुड़े इलाकों में सोशल और इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए मिलिट्री डिफेंस भी मजबूत होगी. बता दें कि चीन की सीमा 14 कई अन्य देशों से भी मिलती है. जिसमें अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, भारत, पाकिस्तान , तजाकिस्तान,कर्गिस्तान, कजास्तिन, वियतनाम, उत्तर कोरिया, मंगोलिया और रूस शामिल है.
क्या इस कानून से भारत पर क्या होगा असर?
बिलकुल होगा क्योंकि ये कानून चीन ने अपने हिसाब से किया है. विवादित इलाकों को चीन ने इसमें अपना इलाका बताया है. इस कानून के हिसाब से भारत का अरुणाचल प्रदेश भी चीन का ही है. इसके साथ ही चीन ने साउथ चाइना सी के भी कई विवादित इलाकों को अपना मानता है. इसलिए कई मायने में ये कानून भारत समेत सभी देशों के लिए खतरे की घंटी है.
चीन लगातार अपने बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्टर को डेवलप कर रहा है. और नई बस्तियां बसा रहा है. जिससे चीन हर समय और हर गतिविधी पर नजर रख सके. क्योंकि हर जगह हर वक्त सैनिक को मौजूद होना संभव नहीं है . इसलिए चीन अपने नागरिकों को अब बॉर्डर एरिया पर बसा रहा है . हाल ही में आई खबरों के हिसाब से चीन अबतक 600 से ज्यादा गांव बसा भी चुका है. साथ ही गांव में आने-जाने के लिए सड़कें भी बना दी गई हैं.
चीन 2016 से ही बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्टर को बढ़ाने पर जोर दे रहा है. जिससे वह बॉर्डर एरिया पर लोगों को बसा सके और अपनी विस्तारवादी नीति के तहत अपने क्षेत्र का दायरा बढ़ा सके.