GOOGLE ने DELHI HIGH COURT में लगाई याचिका, बोले नई गाइडलाइन से बाहर रखा जाए
देश में एक तरफ केंद्र सरकार लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नई गाइडलाइन बनाने के लिए आदेशित कर रही है। वहीं दूसरी तरफ बुधवार को गूगल ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें गूगल ने हाई कोर्ट से कहा है कि सरकार के नए कानून के तहत हमें उसमें ना रखा जाए। गूगल ने अपनी याचिका में कहा कि हम एक सर्च इंजन हैं और ऐसे में हम पर नई नीतियां लागू करना उचित नहीं होगा।
महिला की याचिका से जुड़ा है मामला
हाल ही में एक महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें महिला ने कोर्ट से कहा था कि गूगल को तत्काल प्रभाव से देश और विदेश में महिला से जुड़े हुए आपत्तिजनक कंटेंट को हटा लेना चाहिए।
गूगल की कोर्ट में दलील
गूगल ने कोर्ट में कहा कि सिंगल बेंच के आर्डर में कोर्ट ने उन्हें सोशल मीडिया इंटरमीडिएरी बताया। लेकिन हम SMI नहीं हैं। गूगल ने कहा हम सर्च इंजन है हम आईटी एक्ट 2021 के तहत एस एम आई रूल्स के दायरे में नहीं आते। ऐसे में अगर हम सर्च इंजन से कंटेंट को नहीं हटाते तो इस मामले में कोर्ट हमारी मदद करें। इसके साथ ही गूगल ने कहा कि भारत में भले ही कुछ लोग हमारे कंटेंट को कानूनन जुर्म के नजरिया से देखते हो लेकिन हमारा वही कंटेंट विदेशों में सामान्य रूप से देखा जाता है। लिहाजा कंटेंट को वर्ल्ड वाइड स्तर पर हटाना उचित नहीं है। गूगल ने कहा कि सिंगल बेंच द्वारा जो आर्डर दिए गए वह बेहद गलत है।
क्या थे सिंगल बेंच कोर्ट के आदेश पढ़ें
सिंगल बेंच की कोर्ट ने गूगल से कहा था कि आपके ऐसे कंटेंट किस काम के हैं जो महिला के स्वाभिमान और इज्जत को ठेस पहुंचाते हो।
गूगल CEO सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया गाइडलाइन का किया था स्वागत
हाल ही में गूगल सी ई ओ सुंदर पिचाई ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए सोशल मीडिया के नए कानून एक्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह सरकार के हर फैसले का सम्मान करते हैं और भारत में रहते हुए सरकार की हर शर्तें मानने को तैयार हैं।