महाराजा सूरजमल की जयंती पर जाटों ने की महासभा
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पकंज चौहान, शामली
उत्तर प्रदेश के शामली में महाराजा सूरजमल की जयंती पर जाट महासभा के कार्यकर्ताओं ने निर्माणाधीन कलेक्ट्रेट चौराहे का नाम महाराजा सूरजमल रखे जाने को लेकर जिलाधिकारी जसजीत कौर को ज्ञापन सौंपा। उस दौरान किसानों ने कहा कि महाराजा सूरजमल सर्व समाज के नेता थे। उन्होंने आजीवन समाज के हितों की लड़ाई लड़ी, लिहाजा कलेक्ट्रेट के सामने निर्माणाधीन हाईवे के चौराहे का नाम महाराजा सूरजमल रखा जाए।
फिलहाल जाट नेताओं ने अपना ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंप दिया है तो वही जिलाधिकारी ने भी उनकी मांगो को सुन पूरा करने का आश्वासन दिया है।
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कौन थे महाराजा सूरजमल?
महाराजा सूरजमल जाट सरदार बदन सिंह के पुत्र थे। वे 18वीं शताब्दी में शासन करने वाले ऐसे शासक थे जिन्होने भारत को एक राष्ट्र के रूप में देखा और राष्ट्रीय एकता स्थापित करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका मानना था कि मानवता ही मनुष्य का एकमात्र धर्म है। वह एक महान नेता और अपने समय के एक महान राजनीतिज्ञ थे। उनकी राजनीतिक समझ, स्थिर बुध्दि और स्पष्ट दृष्टि के कारण उन्हे जाट लोगो का प्लेटो कहा गया था।
महाराजा सूरजमल किसानो को समाज का सबसे महत्वपूर्ण वर्ग मानते थे, उन्होने किसानों की समस्याओं की पहचाना और सुधार के लिए कई कार्य किए। ऐसा माना जाता है कि मुगल प्रमुख नजीब-अद-दावला द्वारा घात लगाए जाने के बाद महाराजा की मृत्यु दिसंबर 1763 में हिंडन नदी के किनारे हुई लड़ाई में हुई थी।