UP ELECTION 2021: चुनावी सरगर्मियों के बीच लगातार पार्टी का दामन छोड़ रहे कांग्रेस नेता, सपा में जाने की लगी होड़, तो क्या यूपी में भाजपा के खिलाफ सपा होगी विपक्षी चेहरा
लखनऊ ब्यूरो
एक तरफ यूपी में कांग्रेस अपने बर्चस्व की लड़ाई लड़ रही है तो वही दूसरी तरफ अब उनके नेता टूट कर दूसरे दल में शामिल होने लगे है। जिसके चलते माना जा रहा है कि कांग्रेस को इसका झटका आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान देखने को मिल सकता है। गौरतलब है कि हाल ही में यूपी के वाराणसी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक चुनावी रैली की थी, लेकिन कहा जा रहा है कि उनकी इस रैली का असर उनके खुद के नेताओं पर भी नही पड़ा, शायद यही वजह है कि अब उनके नेताओं ने सपा का दामन थमना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को महोबा से मनोज तिवारी व उनके अलावा पार्टी प्रमुख बुंदेलखंड नेता, पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी और विनोद चतुर्वेदी ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और सपा में शामिल हो गए। आपको बता दें कि इन लोगों के सपा में शामिल होने से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस पश्चिमी यूपी प्रमुख अल्पसंख्यक चेहरे इमरान मसूद ने सपा का दामन थामते हुए कहा था कि यूपी में एकमात्र सपा ही ऐसी पार्टी है जो भाजपा को टक्कर दे सकती है। लिहाजा देश को बचाने के लिए सभी दलों को एक साथ हो जाना चाहिए। मसूद ने कहा कि भले की पार्टी को बचाने लिए प्रियंका प्रदेश में तमाम कोशिशें कर रही हो, लेकिन वो वोटरो को साधने में विफल नजर आ रही है। कहा तो ये भी जा रहा है कि मसूद के अलावा अगले 2-3 दिनों में एक जाट नेता भी कांग्रेस का दामन छोड़कर सपा में शामिल होंगे। सोमवार को अखिलेश यादव जाट नेता से मुलाकात कर उन्हें पार्टी की सदस्य दिला सकते है। आपको बतां दे कि इस साल कांग्रेस को कई बड़े झटके लगे है जिसमें से एक यूपी के कद्दावर नेता जितिन प्रसाद भी है। जितिन ने साल की शुरूआत में बीजेपी का दामन थाम लिया था। वर्तमान में वो यूपी के राज्य़ मंत्री है। बरहाल अनुरागी के सपा में शामिल होने से कांग्रेस का जोरदार झटका लगा है, क्योंकि बुंदेलखंड में अनुरागी को दलितों में जोरदार पकड है। वही हाल ही में कांग्रेस की ने अनुरागी को राज्य इकाई का उपाध्यक्ष बनाया था और प्रियंका ने क्षेत्र में चुनाव के लिए पार्टी को तैयार करने के लिए कहा था। इसके अलावा करीब एक हफ्ते पहले पूर्व विधायक और पार्टी उपाध्यक्ष ललितेशपति त्रिपाठी ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था। गौरतलब है कि ललितेश पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परपोते हैं और यूपी में एक बड़ा युवा ब्राह्मण चेहरा माने जाते है। कांग्रेस ने हाल ही में उन्हें भी पूर्वी यूपी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। फिलहाल ललितेश ने किसी भी पार्टी का थामन नही थमा है। उन्होनें कहा कि उनको लगता है कि पार्टी में उनकी सुनवाई नही हो रही थी, लिहाजा उन्होनें पार्टी का दामन छोड़ दिया, फिलहाल ललितेश ने अभी किसी भी दल में जाने का मूड नही बनाया है लेकिन ललितेश ने ये स्पष्ट किया है कि अगर वो किसी पार्टी का दामन थामेंगे तो उनके साथ वाराणसी मंडल के कई पदाधिकारी भी उस दल में शामिल होंगे।