July 8, 2024

टोक्यो ओलिंपिक: गोल्ड ना आया होता तो इस रैंक पर होता भारत

0

स्पोर्टस डेस्क

टोक्यों ओलिंपिक में भारत ने 9 साल बाद अपने स्थान में सुधार लाया है। साल 2012 लंदन ओलंपिक के दौरान भारत को केवल 6 मेडल ही हासिल हो सके थे। हालांकि इस बार टोक्यों ओलिंपिक में खेल के दौरान भारत ने 7 मेडल हासिल किये। इस एक मेडल के अंतर से भारत के स्थान में काफी अंतर आया है। 2012 लंदन ओलिंपिक के दौरान भारत 57वें स्थान पर रहा था। जबकि 2016 ओलिंपिक के दौरान भारत को 67वां स्थान मिला था। ऐसे में अगर इस बार नीरज गोल्ड हासिल ना करते तो भारत को 64वां स्थान दिया जाता, लेकिन नीरज के गोल्ड की बदौलत भारत 48वें स्थान पर पहुंच गया। पूरे टोक्यों ओलिंपिक खेल के दौरान भारत को अंतिम दिन तक मात्र 6 ही मेडल हासिल हो सके थे। जिसे पहलवान रवि कुमार दहिया (रजत), बजरंग पुना (कांस्य), मीराबाई चानू (रजत), शटलर पीवी सिंधु (कांस्य), बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन (कांस्य) और पुरुष हॉकी टीम ने हासिल किये थे। उस दौरान भारत 64वें स्थान तक पर था, लेकिन ओलंपिक के अंतिम दिन जैसे ही नीरज ने 87.58 मीटर का जेवलिन थ्रो किया उसके बाद एक दम से भारत के स्थान में काफी सुधार आया और तुरंत बाद भारत 64वें से 48वें स्थान पर पहुंच गया। इसके साथ ही लम्बे समय बाद भारत टॉप 50 देशों में शामिल हो सका है। साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिये स्वर्ण पदक जीता था। उस बार भारत का 51 वें स्थान पर रहा था। हैरानी की बात ये है कि साल 1980 में मास्को ओलंपिक के दौरान भारत ने 23 वें स्थान ग्रहण किया था। उस दौरान भारत ने हॉकी में 1 ही गोल्ड हासिल किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *