July 8, 2024

गाजियाबाद: रिहायशी इलाकों में बने डंपिंग यार्ड से 1.5 लाख निवासी परेशान, कही बदबूदार गंध से ना हो जाए किसी महामारी के शिकार

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गाजियाबाद संवाददाता

उत्तर प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में जनता के स्वास्थ्य को लेकर बेहद गंभीर रहते हैं। ऐसे में गाजियाबाद के तमाम अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई हैं। ये सभी लापरवाह अधिकारी लगभग डेढ़ लाख जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। दरअसल गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित भोबापुर गांव में इन दिनों जोर-शोर से डंपिंग यार्ड बनाने के साथ-साथ भारी मात्रा में कूड़े का निस्तारण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही डंप किए गए कचरे से इतनी बदबू आ रही है कि यहां 5 मिनट खड़ा होना भी बेहद दूबर हैं। ऐसे में यहां रहने वाले लगभग डेढ़ लाख स्थानीय नागरिक बदबू में रहने को मजबूर हैं।

मानव आयोग के आदेशों को भी नहीं मान रहे अधिकारी

खुफिया विभाग के अधिकारी रह चुके विष्णु कुमार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को तत्काल प्रभाव से इस डंपिंग यार्ड को हटाने का निवेदन किया था। जिसके बाद मानव अधिकार आयोग द्वारा जिलाधिकारी गाजियाबाद को डंपिंग यार्ड हटाने के आदेश दिए गए, बावजूद इसके अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही। ऐसे में यहां के रहने वाले स्थानीय नागरिकों को कुणे से निकलने वाली बदबू का सामना करना पड़ रहा है। अगर कुछ दिन ऐसा ही रहा तो आगामी दिन यहां के स्थानीय नागरिकों के लिए बहुत दुखद होंगे। डंपिंग यार्ड के आवासीय इलाके में होने से आगामी दिनों में यहां पर बदबू से महामारी फैलने का भी खतरा पैदा हो सकता है।

45 सोसाइटी और 5 गांव के बीच बना डंपिंग यार्ड

फेडरेशन ऑफ AOA के सचिव गिरीश सारस्वत ने बताया की गाजियाबाद प्रशासन ने सभी मानकों को ताक पर रखकर, रिहायशी इलाकों के बीचों-बीच डंपिंग यार्ड बनाया है। इस डंपिंग यार्ड के आसपास 45 सोसाइटी और 5 गांव है। जिसमें लगभग डेढ़ लाख लोग वास करते हैं। ऐसे में इस डंपिंग यार्ड से पूरे राजनगर एक्सटेंशन इलाके में बदबू ही बदबू रहती है। जिसके चलते यहां के नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

एयरफोर्स स्टेशन से कुछ किलोमीटर दूरी पर है डंपिंग यार्ड : ग्रामीण

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पास में ही कुछ किलोमीटर दूरी पर एयर फोर्स स्टेशन है। ऐसे में हवाई जहाज जब एयरफोर्स स्टेशन पर उतरने वाले होते हैं। तब उनका झुकाव नीचे की ओर होता है। ऐसे में यह डंपिंग यार्ड ना सिर्फ यहां के डेढ़ लाख लोगों के लिए मुसीबत है, बल्कि उस एयरफोर्स स्टेशन के लिए भी मुसीबत साबित हो सकता है। क्योंकि जैसे-जैसे कचरे की ऊंचाई बढ़ेगी तब आने वाले दिनों में यही डंपिंग यार्ड गाजियाबाद प्रशासन के लिए पत्थर का अचार साबित होगा। फिलहाल स्थानीय नागरिक बदबू से परेशान हैं, आने वाले दिनों में जब डंपिंग यार्ड की हाइट बढ़ जाएगी तब यहां के अधिकारी डंपिंग यार्ड से परेशान हो जाएंगे, क्योंकि उस वक्त हवाई हादसा होने की भी संभावना होगी। फिलहाल स्थानीय नागरिक लगातार गाजियाबाद के आला अधिकारियों से बदबू से निजात दिलाने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन अधिकारी इन लोगों की सुनने को जरा भी तैयार नहीं है।

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