July 8, 2024

PM मोदी और अमित शाह के डर का सबूत है मीडिया संस्थानों पर छापेमारी कराना

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गुरुवार को आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में दो मीडिया समूह पर छापेमारी की है। यह छापेमारी देश के अलग-अलग हिस्सों में की गई है। बताया जा रहा है कि, ये छापेमारी दैनिक भास्कर ग्रुप के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और राजस्थान शहरों में की गई है। इसके अलावा लखनऊ से चलने वाले भारत समाचार के प्रमोटर और एडिटर इन चीफ के ठिकानों पर भी आयकर विभाग ने छापेमारी की है। हालांकि आयकर विभाग या उसकी नीति निर्माण निकाय की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के हरैया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अजय सिंह और उनके सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर भी छापेमारी की है फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है विधायक पर मीडिया समूहों से जुड़े होने पर छापेमारी की गई है या अलग से उन पर शिकंजा कसा गया है।

वहीं सूत्रों ने बताया है कि, दैनिक भास्कर ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रमोटर्स के आवासों पर भी तलाशी की गई है। इसके साथ ही तलाशी के दौरान सभी का फोन भी जब्त कर लिया गया। जिसके बाद से इस छापेमारी को लेकर चारों तरफ सरकार की आलोचना हो रही है और लोग मीडिया समूहों पर छापेमारी से काफी हैरान दिख रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, मीडिया को डराने की कोशिश की जा रही है जो कि काफी गलत है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, उन लोगों का संदेश साफ है, जो कोई भी बीजेपी सरकार के खिलाफ बोलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी सोच बहुत ही खतरनाक है, इसके खिलाफ सभी को आवाज उठानी चाहिए। वही मीडिया पर चल रही छापेमारी को तत्काल प्रभाव से रोक देना चाहिए और उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए। इसके अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी न्यूज़ चैनलों पर छापेमारी को बेहद ही चिंताजनक बताया है और कहा है कि यह आवाज दबाने की कोशिश हो रही है, सरकार का यह बेशर्म प्रयास है।

गौरतलब है कि कोरोना काल में दैनिक भास्कर समूह ने जनता से जुड़ी खबरों को प्रमुखता से प्रसारित किया था, साथ ही सरकार और प्रशासन की लचर व्यवस्थाओं की काफी आलोचना की थी। वही भारत समाचार ने भी उत्तर प्रदेश में कोरोना की वजह से हुई बदहाली और अस्पतालों की व्यवस्था पर जमकर रिपोर्टिंग करते हुए सच्चाई दिखाई थी। इसीलिए कहा जा रहा है कि इन दोनों मीडिया संस्थानों पर सरकार की टेढ़ी नजर थी और अब मौका मिलते ही उन्होंने सरकारी मशीनरी को इनसे बदला लेने के लिए लगा दिया है।

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