July 8, 2024

उत्तराखंड: तो क्या बदल जायेगा CM का चेहरा, जल्द हो सकती है नए मुख्यमंत्री की घोषणा?

0

नमन सत्य न्यूज ब्यूरो

उत्तराखंड में सत्ता और सिंहासन कब बदल जाए, इसकी भविष्यवाणी राजनीतिक पंडित भी नहीं कर सकते है।  वहीं उत्तराखंड में 10 मार्च 2021 को नेतृव परिवर्तन हुआ था। जिसके बाद से चर्चा हो रही थी कि नए मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत अब प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाएंगे, लेकिन अभी तीरथ सिंह रावत को सीएम बने तीन महीने ही हुआ है और अब फिर से पूरे उत्तराखंड में सीएम के बदलने के कयास शुरू हो गए हैं, वजह है उनका विधानसभा का सदस्य न होना और विधानसभा चुनाव होने में एक साल से कम समय का होना

दरअसल चुनाव आयोग के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुच्छेद 151ए के तहत ऐसे राज्य में जहां चुनाव होने में एक साल का वक़्त बचा हो और उपचुनाव के लिए रिक्त हुई सीट अगर एक साल से कम समय में रिक्त हुई है तो चुनाव नहीं होगा, लिहाजा उत्तराखंड में अभी मौजूदा वक्त में दो विधानसभा सीट खाली हैं, पहली गंगोत्री सीट जो कि अप्रैल में गोपाल सिंह रावत के निधन की वजह से खाली हुई और दूसरी सीट है हल्द्वानी जो कि इसी महीने कांग्रेस की कद्दावर नेता इंदिरा हिरदेश के निधन की वजह से खाली हुई हैं। मौजूदा नियम के मुताबिक दोनों सीट उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में एक साल से कम समय होने के बाद खाली हुई है। लिहाजा इन पर चुनाव नहीं हो सकता है। ऐसे में अगर इस नियम को माना जाए तो अब उत्तराखंड में कोई भी उपचुनाव नहीं होगा।  ऐसे में बगैर विधानसभा सदस्य बने 6 महीने से ज्यादा कोई सीएम नहीं रह सकता है, तो संवैधानिक नियम अनुसार मौजूदा सीएम तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना ही होगा, क्योकि उन्होंने 10 मार्च 2021 को सीएम पद की शपथ ली थी और उन्हें 9 सितंबर 2021 तक उत्तराखंड में विधानसभा का सदस्य बनाना अनिवार्य है। चुनाव आयोग के नियम अनुसार अब उत्तराखंड में उपचुनाव नहीं हो सकते क्योंकि मार्च 2022 में उत्तराखंड के मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होना है और राज्य में चुनाव होने हैं। ऐसे में अब तीरथ सिंह रावत का जाना तय नजर आ रहा है। फिलहाल 2019 में बीजेपी से पौढ़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर सांसद बने तीरथ सिंह रावत ने अब तक अपने सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया है, लिहाजा अगर वो उत्तराखंड में 6 माह के अंदर विधानसभा सदस्य बनने में कामयाब नहीं होते हैं तो सीएम पद से हटने के बाद वो बतौर सांसद कायम रहेंगे।

वहीं तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद बचे हुए छोटे से कार्यकाल में देवभूमि का मुख्यमंत्रि कौन होगा इसपर भी चर्चा जोरों पर है।  इसी बीच 2 नाम भी सामने आ रहें है।  पहला नाम केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तराखंड के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक, तो दूसरा नाम राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का है। बीजेपी अब ऐसे चेहरे को ही सीएम बनाने की सोच रही होगी, जिसके नेतृत्व में 2022 का चुनाव भी लड़ा जा सके।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के निर्माण के बाद से अब तक सिर्फ एनडी तिवारी ही एकमात्र मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने राज्य की सत्ता में बतौर सीएम पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।  उनके अलावा अब तक कोई दूसरा सीएम अपना कार्यकाल पूरा नही कर सका हैं।  एनडी तिवारी के बाद उत्तराखंड में सबसे ज्यादा दिन बतौर सीएम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रहे हैं जिनका कार्यकाल लगभग 4 सालों का रहा है। वहीं 21 साल के उत्तराखंड के इतिहास में अब तक 9 चेहरे, 12 बार मुख्यमंत्री बनाए जा चुके है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *