UP: राम राज्य में कई रावण मौजूद, सीता की दुर्दशा जारी
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आगरा संवाददाता
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भले ही रामराज्य की बात करती हो लेकिन यहां तो रावण ही रावण नजर आ रहे हैं। हम यह बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आगरा की एक महिला इन तीनों बिलख बिलख कर रोते हुए अपने न्याय की मांग कर रही है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। महिला का आरोप है कि आरोपी पक्ष द्वारा कई नेता उस पर समझौते का दबाव बना रहे हैं। लिहाजा वह अपने परिवार के साथ गांव छोड़ने पर मजबूर है। जानकारी के अनुसार आगरा के पिनाहट ब्लॉक स्थित दलित महिला सोमवार को अपने पति और बच्चों के साथ अपने मायके से लौट रही थी। उसी दौरान महिला पिनाहट बाजार में किसी काम के दौरान वहां रुक गई। जबकि पति और बच्चे घर आ गए। जब महिला बाजार से काम निपटा कर अपने घर वापस लौटने लगी तभी पिनाहट और भदरौली मार्ग के बीच महिला के पीछे से एक स्कॉर्पियो आती है। जिसमें महिला के गांव का पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रधान पति और कुछ लोग सवार थे। उस दौरान यह सभी लोग महिला को घर छोड़ने की बात करते हैं। जैसे ही महिला स्कॉर्पियो में बैठ जाती है। उसके बाद आरोपी स्कॉर्पियो को कुछ दूर आगे ले जाते हैं तभी उन्हें रास्ते में सुनसान बंद पड़ा नलकूप दिखाई देता है। जहां पूर्व प्रधान अभिषेक और उसका साथी विनोद त्यागी महिला के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देते हैं। इस दौरान वर्तमान प्रधान पति अमरकांत त्यागी, रामकुमार और स्कार्पियो चालक नंदी दुष्कर्म आरोपियों का साथ देते हैं। जिसके बाद महिला और उसके पति ने देर रात पुलिस से दुष्कर्म की शिकायत की। जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 354, 376d, 504 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।
इन सब के बीच अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार क्या मुकदमा दर्ज हो जाने से महिला को इंसाफ मिल जाएगा या यूं ही समाज में छुपे भेड़िए महिलाओं का चीर हरण करते रहेंगे। फिलहाल महिला का आरोप है कि उसके ऊपर लगातार समझौते के लिए राजनीतिक दबाव बनाए जा रहा है। ऐसे में महिला अपने परिवार के साथ गांव छोड़ने पर मजबूर है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि राम राज्य में अगर रावण जीवित रहेंगे तो सीता कैसे सुरक्षित रहेगी। या फिर महज मां सीता की उपाधि एक मूर्ति के आकार में ही सिमट कर रह गई है।
क्या इन रावणों का वध नहीं किया जाना चाहिए। इन सबके बीच देखने वाली बात अब यह भी है कि हमेशा की तरह जांच का आश्वासन देने वाली यूपी पुलिस हकीकत में इस मामले में सम्मिलित आरोपियों को गिरफ्तार करेगी भी या यूं ही जांच के नाम पर लोगों को आश्वस्त किया जाता रहेगा।