July 5, 2024

CORONA: राहुल ने सरकार को फिर किया आगाह, नहीं संभले तो पहले से भी होंगे बूरे हाल

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देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर की रफ्तार थमने के बाद मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार और पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि सरकार चाहती तो कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान लोगों की इतनी भारी संख्या में मौत ना होती। सरकार का ध्यान देश में घटती ऑक्सीजन लेवल पर नहीं बल्कि बंगाल की सियासत पर थी। ऐसे में देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा था बावजूद इसके मोदी सरकार पूरी तरह से अंजान बनी बैठी थी। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कोरोना की तीसरी लहर से देशवासियों को बचाने के लिए केंद्र सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोविड- मिसमैनेजमेंट पर भी एक रिपोर्ट जारी की है। जिसे राहुल गांधी ने वाइट पेपर का नाम दिया है।
राहुल गांधी ने बताया कि इस पेपर को इसलिए व्हाइट पेपर का नाम दिया गया है ताकि जो गलतियां कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हो सकी वह तीसरी लहर के दौरान ना हो सके। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि लगातार वैज्ञानिक कोरोनावायरस की दूसरी लहर के लिए सरकार को सचेत कर रहे थे बावजूद इसके सरकार ने कोरोनावायरस की दूसरी लहर पर ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ा। ऐसे में एक बार फिर कोरोनावायरस की तीसरी लहर के आने की उम्मीद हैं। लिहाजा सरकार को कोरोना की दूसरी लहर से सीख लेनी होगी और यह गलतियां दोबारा ना हो सके इसके लिए पहले से ही तैयार रहना होगा। इसके आगे राहुल ने कहा कि हम सरकार को कुछ सुझाव देना चाहते हैं ताकि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान दोबारा ऐसी गलती ना हो सके जिसके चलते देश की जनता को खामियाजा भुगतना पड़े। इसके लिए हम सरकार को 4 सुझाव दे रहे हैं।

पहला सुझाव – कोरोना की दूसरी लहर की गलतियों को पहचान कर उन्हें सुधारने की कोशिश की जाए, ताकि तीसरी लहर के दौरान जनता को मुसीबतों का सामना ना करना पड़े।

इसके बाद राहुल गांधी ने दूसरा सुझाव दिया की सरकार कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल उपकरणों की पूर्ति नहीं कर सकी थी। जिसके चलते लोगों की भारी संख्या में जान जा रही थी। ऐसे में सरकार को अब पहले से ही मेडिकल उपकरणों की पूर्ति पर ध्यान देना होगा।

राहुल गांधी ने तीसरा सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के लिए न्याय योजना लानी होगी। क्योंकि कोरोना कोई बायोलॉजिकल नहीं बल्कि इकोनॉमिकल सोशल बीमारी है। सरकार को हमारे योजना के दिए हुए नाम नहीं पसंद आए तो नाम को बदल देना चाहिए लेकिन मध्यवर्ग और गरीबों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को लाना चाहिए।

राहुल गांधी द्वारा सरकार को चौथा सुझाव दिया गया कि कोरोनावायरस के दौरान अगर किसी की कोरोनावायरस से मौत हो जाती है तो सरकार को उसके लिए कोविड-19 कंपनसेशन फंड का ऐलान करना चाहिए।

इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि देश में लोगों की दूसरी लहर के दौरान बेवजह मौत हो गई। इन मौतों को रोका जा सकता था अगर सरकार द्वारा ऑक्सीजन की पूर्ति और मेडिकल उपकरण संसाधनों की पूर्ति समय पर कर ली गई होती।

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