July 5, 2024

अयोध्या राम मंदिर निर्माण में घोटाला, CBI जांच की मांग

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नमन सत्य न्यूज, ब्यूरो

अयोध्या राम मंदिर निर्माण कार्य के बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर घोटाले का आरोप लगा है। जिसके बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। ट्रस्ट पर आरोप है की 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदी है। आपको बता दें कि कई दशकों से भारतीय राजनीति की धुरी रही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के वक्त घोटाले की बात सामने आने पर कई सवाल खड़े हो रहें है। ऐसे में सरकार और ट्रस्ट को इसकी सफाई तो देनी ही पड़ेगी, दरअसल अयोध्या के पूर्व विधायक तेज नारायण पाण्डेय और आम आदमी पार्टी के नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया की ट्रस्ट ने 2 करोड़ रुपए की जमीन 18 करोड़ में खरीदी है, प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि जिस दिन 2 करोड़ की जमीन का बैनामा हुआ था उसी दिन ट्रस्ट 18 करोड़ की जमीन उसी जगह पर कैसे खरीद सकता है । और दोनों जमीन की खरीद में ट्रस्टी अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ही गवाह है। वही राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सरकार और ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की है।इसके साथ ही प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संजय सिंह ने घोटाले के दस्तावेज पेश करते हुए कहा है की “कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर भी कोई घोटाला और भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा, लेकिन जो कागजात सामने आये है वो चीख-चीख कर बयान कर रहें है की ट्रस्ट के नाम पर करोड़ों रुपए चंपत राय ने ‘चंपत’ कर दिए है” । संजय सिंह ने ये भी दावा किया कि अयोध्या सदर तहसील के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रुपए की जमीन सुलतान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने 18 मार्च को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर खरीदी थी, उसी के ठीक 5 मिनट बाद इसी जमीन को चंपत राय ने साढ़े 18  करोड़ रुपए में खरीद ली,जिसमे 17 करोड़ रुपए RTGS के जरिए दिए गए, जबकि दोनो जमीन की खरीद में ट्रस्टी गवाह भी एक ही है। हालांकि आरोप लगने के बाद ट्रस्ट की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। जिसमे सभी आरोपों को खंडन किया गया और कहा गया है की वास्तु के अनुसार सुधार के लिए मंदिर परिसर के पूर्व और पश्चिम दिशा मे यात्रा को सुलभ बनाने और मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए कुछ छोटे बड़े मंदिरों और गृहस्थ मकानों को खरीदना जरूरी है.जिसका मकान खरीदा जायेगा उन्हें पुनर्वास के लिए जगह दी जाएगी, इसीलिए जमीन की खरीदारी की जा रही है।खरीद में कोई भी घोटाला नहीं हो रहा है, ये सभी आरोपराजनीतिक विद्वेष के चलते लगाये जा रहे है।

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