July 5, 2024

राष्ट्र संबोधन के दौरान वैक्सीन, ऑक्सीजन और अस्पतालों पर बोले PM, मृतक परिजनों के प्रति जाहिर की संवेदना

0

नमन सत्य न्यूज ब्यूरो

सोमवार को पीएम मोदी ने देश को 9वीं बार संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। भारत भी कोरोना की इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपने परिजनों और परिचितों को खोया है। इसके साथ ही पीएम ने मृतक परिजनों के प्रति अपनी संवेदना भी प्रकट की। इसके आगे पीएम ने कहा कि बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है। इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है। पीएम ने कहा कि सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई माह में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी। भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई। इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। पीएम ने वैक्सिनेशन पर कहा कि पिछले 50-60 साल के इतिहास देखेंगे में भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे। विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था।

आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं। कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता?

पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। आज देश में 7 कंपनियाँ, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं। तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है। इसके आगे पीएम ने कहा कि जब नीयत साफ होती है, नीति स्पष्ट होती है, निरंतर परिश्रम होता है तो नतीजे भी मिलते हैं। हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी। इससे हमारे देश के वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है। देश में अब तक 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज देशवासियों को दी जा चुकी है। वही पीएम ने कहा कि जैसे-जैसे देश में कोरोना कम हो रहा था उसी दौरान केंद्र सरकार के सामने अलग-अलग सुझाव भी आने लगे, भिन्न-भिन्न मांगे होने लगीं। पूछा जाने लगा, सब कुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है? राज्य सरकारों को छूट क्यों नहीं दी जा रही?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *