सिस्टम की पोल खोलती ये तस्वीरें, कूड़ा गाड़ी में ढोए जा रहे शव…
उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। कभी इलाज की कमीं से तो कभी ऑक्सीजन की कमीं से लोगों को जान गंवानी पड़ रही है। लेकिन मरने के बाद भी शवों की जो दुर्गति होती है वह वाकई में झकजोर देने वाली है। एक तरफ योगी सरकार ने हाल ही में मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रुपये देने की घोषणा की थी, तो वहीं दूसरी तरफ यूपी से ऐसी तस्वीरें सामने आयी हैं जो सिस्टम की सच्चाई बयां कर रही हैं।
इन तस्वीरों को देखिए…
ललितपुर के सुरईघाट शमशान घाट पर इन दिनों दिल दहला देने वाला माहौल है। यहां एक लाश सही से जल भी नहीं पाती कि दूसरी पहुंच जाती है। जिससे कई लाशें अधजली रह जाती हैं। फिर इन्हें कुत्ते नोंचने लगते हैं। सरकारी आंकड़ों में यहां एक महीने के अंदर कोरोना से 48 मौतें दर्ज हैं, लेकिन श्मशान घाटों पर हर रोज 7-8 लोगों के शव पहुंच रहे हैं।
दूसरी तस्वीर शामली के जलालाबाद की है। यहां प्रमिला नाम की महिला की ब्रेन हैमरेज के चलते मौत हो गयी। शव को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए घर में कोई नहीं था। आस-पास के लोगों ने भी कोई मदद नहीं की। पड़ोस के एक डॉक्टर ने इसकी सूचना नगर निगम को दी। निगम ने लाश को ढोने के लिए कूड़े की गाड़ी भेज दी। नगर निगम प्रशासन की ये करतूत अब लोगों के सामने है। फिलहाल ये तस्वीर पूरी दुनिया में सिस्टम की पोल खोल रही है। डीएम ने कहा कि वायरल फोटो के मामले में जांच कर रहे हैं। जो भी दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई करेंगे।
औऱ तीसरी तस्वीर गोरखपुर की है। आपको बता दें गोरखपुर के बड़हलगंज कस्बे में 100 साल के भागवत गुप्ता अपनी बेटी के पास रहते थे। तीन दिन पहले इन्हें खांसी और बुखार हुआ। डॉक्टर ने दवा दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और मंगलवार को उनका निधन हो गया। दामाद पारसनाथ गुप्ता ने एंबुलेंस के लिए फोन किया लेकिन नहीं मिली।
मजबूरन दामाद ने ठेला उठाया और शव लेकर श्मशान घाट पहुंच गए जहां पर दो लोगों ने उनकी मदद की तब जाकर लाश को ठेले से नीचे उतारा जा सका।