जानें होम आइसोलेशन से जुड़ी बड़ी बातें, इन बातों का रखें खयाल
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देश में कोरोना महामारी ने खतरनाक रुप ले लिया है और हालात कुछ यूं हैं कि आपकी जरा सी लापरवाही आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकती है। इसलिए हम आपको होम आइसोलेट होने से लेकर कब तक आइसोलोट रहना है इन सभी बातों की एकदम सही जानकारी देंगे।
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सबसे जरुरी बातें….
सबसे पहले तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि कोरोना संक्रमित हर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जुरुरत नहीं है।
कोरोना के मामूली लक्षण होने पर मरीज को हवादार कमरे में रखें और परिवार के अन्य सदस्य उसके सीधे संपर्क में नहीं आए।
खांसी, बुखार, गले और छाती में दर्द आदि लक्षणों को देखकर खुद को आइसोलोट कर दें। घर के सभी सदस्यों से शारीरिक दूरी का पालन करें।
लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लें और कोरोना जांच कराएं। रिपोर्ट आने तक शरीर में कमजोरी आने से बचने के लिए भरपूर मात्र में पोषक तत्वों का सेवन करें।
रिपोर्ट पॉजिटिव हो लेकिन घर में रहने की सलाह मिली है तो शरीर का तापमान ऑक्सीजन लेवल चेक करें और डॉक्टर से सलाह लेते रहे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जब आपको पहली बार कोरोना के लक्षण दिखें उसके 10 दिन बाद आप स्वस्थ्य हो सकते हैं। लेकिन आपको बुखार नहीं आया हो तब ही ऐसा संभव है।
कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी लोगों से 10 दिनों की दूरी बना कर रखें। इस दौरान यदि आपको कोई भी शारीरिक समस्या नहीं होती तो आप पूर्ण रुप से स्वस्थ्य हो चुके हैं ।
आइसोलेशन का अर्थ है आप कोरोना संक्रमित हैं। वहीं क्वारंटाइन का अर्थ है आप किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आएं हैं।
उम्रदराज और किसी गंभीर बिमारी से ग्रसित व्यक्ति को कोरोना संक्रमित होने पर घर में नहीं रखना चाहिए। इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है। शारीरिक क्षमता देखते हुए ही व्यक्ति को घर में रखना चाहिए।