July 5, 2024

क्या है काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद

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नमन सत्य ब्यूरो

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण ASI करेगा और  कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगा। इसके बाद से ही बयानबाजी शुरु हो गई, असदुद्दीन ओवैसी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में कोर्ट के इस फैसले से मंदिर पक्ष की उम्मीदें बढ़ गई हैं, क्योंकि दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और उसके नीचे काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरातात्विक अवशेष हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि AIMPLB और मस्जिद कमेटी को मामले में तुरंत अपील करके सुधार करवाना चाहिए, नहीं तो इतिहास दोहराया जाएगा, जैसा कि बाबरी मस्जिद के मामले में किया गया था।

क्या है पूरा विवाद?

काशी विश्वनाथ मंदिर को औरंगजेब ने 1664 में नष्ट कर दिया था। फिर मस्जिद बनवाई, जिसे मंदिर ज्ञानवापसी मस्जिद के रूप में जाना जाता है। साल 1991 में  वाराणसी कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया गया। इस याचिका में ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति मांगी गई थी और दावा किया गया था कि नीचे ज्योर्तिलिंग है। लेकिन कुछ ही दिनों बाद मस्जिद कमेटी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। 1993 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टे लगाकर मामले को यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया। इसके बाद स्टे ऑर्डर की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और 2019 से फिर वाराणसी की कोर्ट मामले की सुनवाई शुरू हो गई। अब कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद का ASI द्वारा सर्वेक्षण कराने की मंजूरी दी है। सर्वे करने वाली टीम में 5 सदस्य होंगे, जिसमें 2 अल्पसंख्यक समुदाय के जबकि 3 अन्य होंगे। और पूरी टीम को किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पुरातत्व विषय के वैज्ञानिक की ओर से मॉनिटर किया जाएगा।

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