सरकार के प्रस्ताव के बाद टिकैत का बयान, अभी कहीं नहीं जा रहा किसान आंदोलन
दिल्ली,
तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन को एक साल से ज्यादा हो गया है. हाल ही में केंद्र सरकार ने भी तीन कृषि कानून को वापस ले लिया है. लेकिन इसके वाबजूद भी किसानों की कुछ मांगे अभी अधूरी है. जिसकी वजह से किसान आंदोलन अभी भी जारी है . इसी कड़ी में आज किसानों की 5 सदस्यीय कमिटी की बैठक हुई और किसान आंदोलन को धार देने और सरकार से बातचीत के लिए रणनीति तैयार की गई.
किसानों की क्या-क्या है मांगे ?
- एमएसपी
- आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस की वापसी.
- आंदोलन के दौरान मृतक किसानों को मिले मुआवजा.
- बिजली बिल और पराली
किसानों की बैठक के बाद संयुक्त किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि में ऐसी कई चीजें हैं जो साफ नहीं है. ऐसे में फिलहाल आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है. उनका कहना है कि सरकार का कहना है कि केस हम वापस ले लेंगे, और आप आंदोलन खत्म कर दो. लेकिन ऐसे हम कैसे भरोसा करें. ऐसा हम नहीं कर सकते. क्योंकि किसानों के कई ट्रैक्टर दिल्ली के थानों में खड़े हैं. बाद में कौन वहां घुसेगा. इसलिए सरकार इस इन सब मामलों पर अपना रूख साफ करें और लिखित आश्वासन दें.
तो वहीं किसान नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल का कहना है कि किसान आंदोलन पर आज ही खत्म करने की घोषणा की तैयारी थी, लेकिन सरकार ने कुछ मुद्दों को लेकर पेंच फंसा दिया. अगर सरकार संशोधित प्रस्ताव भेजेगी तो आंदोलन जल्द ही खत्म हो जाएगा. और सभी किसान घर वापसी कर लेंगे.