पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किलें, FATF की ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान
देश/विदेश डेस्क
आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. लगातार तीसरे साल भी पाकिस्तान FATF यानि फाइनेंशियल टास्क फोर्स से बाहर नहीं आ सका है.
अपने वादे पर खरा नहीं उतरा पाकिस्तान
पाकिस्तान FATF की सिफारिशों पर पूरी तरह से काम करने में विफल रहा है. FATF की मीटिंग के बाद प्रेसिडेंट मार्कस प्लीयर ने कहा है कि पाकिस्तान हमारी विशेष निगरानी की सूची में है. हमारी 34 शर्तों में पाकिस्तान ने सिर्फ 30 शर्तों पर ही अमल किया है. चार बड़ी शर्तों पर काम किया जाना बाकी है.
FATF क्या है ?
FATF यानि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक अंतर-सरकारी निकाय है. जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में G-7 समूह के देशों ने 1989 में बनाया गया था. इसका काम अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मनी लॉन्ड्रिंग, हथियारों के प्रसार और आतंकवाद पर लगाम लगाने साथ ही आतंकवाद के पालन-पोषण पर नजर रखना है. FATF की बैठक हर साल तीन बार आयोजित की जाती है. और ये संस्था सख्त फैसले लेने के लिए मशहूर है.
इस संस्था से ब्लैक लिस्ट होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से वित्तीय मदद मिलनी बंद हो जाती है, जैसा ईरान के साथ हो रहा है. वर्तमान में FATF के 39 सदस्य हैं. जिसमें दो क्षेत्रीय संगठन यूरोपीय यूनियन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल भी हैं. भारत भी एफएटीएफ कंसल्टेशन और एशिया पैसिफिक ग्रुप का सदस्य है.
ईरान और उत्तर कोरिया भी ब्लैक लिस्ट में है शामिल
FATF की ब्लैकलिस्ट में पर पाकिस्तान को उसी श्रेणी में रखा जाएगा जिसमें ईरान और उत्तर कोरिया को रखा गया है. और इसका मतलब होगा कि वह अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों जैसे IMF और विश्व बैंक से कोई कर्ज नहीं ले पाएगा. जिससे कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को IMF से कोई मदद नहीं मिल पाएगी.
तुर्की भी अब ग्रे लिस्ट में शामिल
आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्तान को लगातार झटके मिल रहे हैं, लेकिन अबतक पाकिस्तान सबक नहीं ले पाया है. UN में कई बार अपने आप को साफ छवि दिखाने का दिखावा करने के बावजूद पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में नाकमयाब रहा .लेकिन अब पाकिस्तान को दोहरा ढटका लगा है. क्योंकि इस बार पाकिस्तान अकेला नहीं बल्कि उसके दोस्त तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया है.