कोविडशील्ड, कोवैक्सीन, और स्पुतनिक V के बाद मॉडर्ना को DCGI की मंजूरी
दिल्ली ब्यूरो
कोरोना से जंग लड़ रहे भारत देश के लिए इस बीच एक और खुशखबरी की खबर सामने आई है। दरअसल ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सिप्ला की मॉडर्ना वैक्सीन के आयात को मंजूरी दे दी है। सिप्ला के वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इसके आयात और मार्केटिंग की इजाजत मांगी गई थी। जिसकी इजाजत DCGI दे चुका है, अब सरकार के फैसले का इंतजार है।
मॉडर्ना की तरफ से बताया गया है कि अमरीकी सरकार ने मॉडर्ना को कोरोना वैक्सीन के डोज तय संख्या में भारत को डोनेट करने की मंजूरी दे दी है। कंपनी ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन से भी इमरजेंसी यूज का अप्रूवल मांगा है।
आपको बता दें कि कोविडशील्ड, कोवैक्सीन, और स्पुतनिक V के बाद मॉडर्ना चौथी वैक्सीन है जिसे भारत में मंजूरी मिली है। मुंबई स्थित फार्मा कंपनी सिप्ला ने इसके आयात को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा DCGI ने बताया कि अगर किसी वैक्ससीन को अमेरिका, यूरोप, यूके, जापान और डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिल चुकी हो तो उसे भारत में ब्रिजिंग ट्रायल करने की जरूरत नहीं है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मॉडर्ना की वैक्सीन कोरोना के खिलाफ 94.1% प्रतिशत तक असरदार है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मॉर्डना वैक्सीन की पहली डोज लगने के 14 दिन बाद कोरोना होने का खतरा 94 फीसदी तक कम हो जाता है।
हालांकि मॉर्डना वैक्सीन के अलावा फाइजर की वैक्सीन को भी जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। पिछले दिनों फाइजर के सीईओ ने एक कार्यक्रम में बताया था कि, भारत में फाइजर वैक्सीन की मंजूरी की प्रक्रिया फाइनल स्टेज में है। जल्द ही कंपनी भारत सरकार के साथ समझौते को अंतिम रूप दे देगी।
गौरतलब है कि देश में दूसरी लहर का प्रकोप कम हो रहा है, लेकिन इस बीच कोरोना के डेल्टा प्लस वैरीअंट के मामले बढ़ने लगे हैं। जिससे नया संकट दिखने लगा है। इसी वजह से जितनी जल्दी देश में वैक्सीनेशन हो जाएगा सुरक्षा के दृष्टि से वो काफी बेहतर रहेगा ऐसे में मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी देखी जा सकती है, क्योंकि अब देश में 4 तरीके की वैक्सीन उपलब्ध है। जोकि कोरोना को मात देने में कारगर है।