प्लाज्मा थेरेपी बढ़ा रही कोरोना मरीजों की मुश्किलें, सरकार ने गाइडलाइंस से हटाया
नमन सत्य ब्यूरो
देश में कोरोना संकट लगातार जारी है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से संक्रमितों के मामले में गिरावट देखने को मिली है लेकिन मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच सरकार भी अपनी गाइडलाइंस में लगातार बदलाव कर रही है। जिसके चलते लगातार बदलती गाइडलाइंस के बीच विवाद भी उत्पन्न हो रहा है। अब सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी को लेकर एक नया संशोधन जारी किया है। जिसमें केंद्र सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी को कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से हटा दिया है। आपको बता दें कि कोरोना की पहली लहर में प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना पेशेंट्स के लिए कारगर माना गया था। वहीं दूसरी लहर के बीच भी प्लाज्मा की जमकर मांग उठी थी, लेकिन अब सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी को कारगर न मानते हुए इसे आईसीएमआर की गाइडलाइंस से हटा लिया है।
हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप ने कोरोना मरीजों के मैनेजमेंट के लिए नई क्लीनिक गाइडलाइन जारी की है। जिसमें प्लाज्मा थेरेपी का कोई जिक्र नहीं किया गया है। जबकि इससे पहले इसे गाइडलाइंस में शामिल किया गया था। वहीं कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में डॉक्टर्स अभी भी प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको बता दें की गाइडलाइंस पर ICMR ने जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया गया है। सरकार ने पाया कि कोरोना मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों को कम करने में फायदेमंद साबित नहीं है। आपको बता दें की कोरोना के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल-ICMR की पिछली सप्ताह हुई बैठक के दौरान बातचीत और रिसर्च पर चर्चा के बाद प्लाज्मा थेरेपी को हटाने का फैसला किया गया है।