October 6, 2024

शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और शुभ फल प्रदान करती हैं। इसलिए मां के एक नाम शुभकरी भी पड़ा। मां कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मिृत्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी, रौद्री और धुमोरना देवी के नाम से जाना जाता है। मां की कृपा प्राप्त करने के लिए मां को गंगाजल, गंध, पुष्प, अक्षत, पंचामृत और अक्षत से मां की पूजा की जाती है। इसके अलावा मां दुर्गा के इस रूप को गुड़ का भोग लगाया जाता है।

मां कालरात्रि पूजा विधि…

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। 
  • मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है।
  • मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
  • मां को रोली कुमकुम लगाएं। 
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें।
  • मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
  • मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • मां की आरती भी करें।

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