October 6, 2024

श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भीष्म पितामह, भगवान श्री राम जन्म और श्री कृष्ण की कथा सुन भक्ति में लीन हुए श्रद्धालु

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गाजियाबाद ब्यूरो

खोड़ा कॉलोनी के शिव पार्क वार्ड नंबर 12 स्थित गली नंबर 5, शिव मंदिर में साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को कथा के चौथे दिन पंडित गोपाल कृष्ण शास्त्री ने श्रोताओं को तीन कथाएं सुनाकर भावविभोर कर दिया। कथा के चौथे दिन पंडित गोपाल कृष्ण शास्त्री ने भीष्म पितामह, श्री कृष्ण गाथा और राम जन्म का प्रसंग सुनाया। उस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही। सभी भक्तों ने पंडित गोपाल कृष्ण शास्त्री की कथा का रसास्वादन किया।

कथावाचक गोपाल कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद्भागवत कथा की मनमोहक प्रसंग का वर्णन करते हुए कथा में बताया कि असत्य से सत्य की ओर , अंधकार से प्रकाश की ओर , पाप से पुण्य की ओर भगवान का भजन हम सभी को करना अनिवार्य है। श्रीमद् भागवत कथा अनंत है।

भीष्म पितामह की गाथा सुन मग्न हुए श्रोता

पंडित गोपाल कृष्ण शास्त्री ने महाभारत के भीष्म की कथा सुनाते हुए कहा कि भीष्म पितामह जब बाणों की शैया पर लेटे हुए जीवन और मृत्यु के बीच तड़प रहे थे। तब उन्हें उम्मीद थी कि प्रभु श्री कृष्ण उनसे मिलने जरूर आएंगे। भीष्म पितामह बाणों की शैया पर तड़पते हुए लगातार श्री कृष्ण की राह देख रहे थे और उनके आने की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि जब भीष्म पितामह की उम्मीद टूट गई और उन्हें लगा कि अब भगवान श्री कृष्ण उनको दर्शन नहीं देंगे, तभी प्रभु ने भीष्म पितामह को दर्शन दिए। तब भीष्म पितामह ने पूछा कि प्रभु मैंने कभी किसी का कुछ नहीं बिगड़ा, किसी के साथ गलत नहीं किया फिर आखिर मुझे इतना कष्ट क्यों? तब भगवान श्रीकृष्ण भीष्म पितामह को 100 साल पीछे ले गए और दिखाया कि किस तरह भीष्म पितामह एक रथ पर है और उस दौरान वह एक मूर्छित सांप को कांटों भरी झाड़ियों में फेंक कर जा रहे। उस दौरान वो मूर्छित सांप कांटों की झाड़ियों पर तड़प तड़प कर मर रहा था तब सांप ने भीष्म पितामह को श्राप दिया कि जिस तरह मैं कांटो की झाड़ियों पर तड़प तड़प कर मर रहा हूं ठीक उसी तरह भीष्म पितामह की भी मौत होगी।

प्रभु श्री राम जन्म गाथा

श्री राम जन्म गाथा के दौरान पंडित गोपाल कृष्ण शास्त्री ने कथा वाचन करते हुए कहा कि राजा दशरथ अपनी संतान के लिए बेहद परेशान थे। इसके लिए वो गुरु वशिष्ट महाराज जी के पास पहुंचे और संतान सुख की बात कहने लगे। तब गुरु वशिष्ठ महाराज ने राजा दशरथ को कहा कि आप अपने घर में यज्ञ कराओ और उस दौरान जो खीर का प्रसाद होगा, उसका आधा कौशल्या माता को देना और आधे बचे प्रसाद में से दो हिस्सा करके एक माता के कई और दूसरा माता सुमित्रा को खिला देना तब राजा दशरथ के घर में 4 सुंदर से पुत्र होंगे जिनका नाम राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न होगा।

भगवान श्री कृष्ण कथा

कथा के दौरान पंडित गोपाल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ने लगा तब गौमाता भगवान ब्रह्मा के पास पहुंची और उसका निवारण करने की बात कहने लगी। तब भगवान ब्रह्मा ने गौमाता से कहा कि सृष्टि के सभी लोगों को प्रभु का ध्यान करना चाहिए तब जाकर इस समस्या का समाधान होगा। उसके बाद सृष्टि के सभी लोग प्रभु के ध्यान में लग गए तब आकाशवाणी हुई की सृष्टि के सभी लोग यूं ही प्रभु के ध्यान में लगे रहे जल्द ही प्रभु राक्षसों का विनाश करने के लिए धरती पर अवतार लेने वाले हैं।

चौथे दिन कथा सुनने वालों का लगा तांता

पंडित गोपाल कृष्ण शास्त्री की कथा के दौरान मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ रही। इस मौके पर पूर्व सभासद प्रत्याशी जितेंद्र शुक्ला, पर्व सभासद प्रत्याशी सीपी शर्मा, हुकुम सिंह बघेल, गोपाल बघेल, रमेश पांडे और परशुराम यादव समेत कई भक्तगण मौजूद रहे।

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