Birmingham Commonwealth Game 2022: भारत को तीसरा गोल्ड दिलाने वाले अचिंता शेउली की संघर्ष भरी दास्तां, एक समय पिता के अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं थे पैसे
स्पोर्ट्स डेस्क
कहते हैं कि हर कामयाब इंसान की कहानी, कठिनाइयों के संघर्ष से होकर गुजरती है। ऐसी ही संघर्ष भरी कहानी भारत को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में तीसरा गोल्ड दिलाने वाले वेटलिफ्टर अचिंता शेउली की है। शेउली ने भले ही भारत को तीसरा गोल्ड दिला कर देश का नाम रोशन कर दिया हो, लेकिन एक समय ऐसा भी था। जब उनके घर में ही अंधेरा हुआ करता था। घर में खाने तक के पैसे नहीं थे जैसे तैसे पड़ोसियों से ले देकर गुजारा चलता था। उसी बीच पिता का देहांत भी हो गया तो उनके अंतिम संस्कार के लिए भी परिवार के पास पैसे नहीं थे। जैसे तैसे पिता का अंतिम संस्कार किया गया। उस बीच अचिंता ने वेटलिफ्टिंग की तैयारी करना भी शुरू कर दी थी। तो उसके लिए भी परिवार के पास पैसे नहीं थे। जैसे तैसे मजदूरी करके अचिंता अपनी डाइट का बंदोबस्त करती थी और वेटलिफ्टिंग की तैयारी करती थी। साल 2014 में अचिंता का पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में सिलेक्शन हो गया। उस दौरान चिंता की डाइट का खर्चा भी ज्यादा बढ़ गया। जिसे परिवार पूरा करने में सक्षम नहीं था। लिहाजा अचिंता की मां और भाई ने मजदूरी करना शुरू किया और पैसे जोड़कर अचिंता की ट्रेनिंग और डाइट पर लगाने लगे ताकि चिंता को किसी चीज की कमी ना खल सकें। साल 2018 अचिंता का खेलो इंडिया में सिलेक्शन हो गया। जिसके बाद यहां से अचिंता को पॉकेट मनी मिलने लगी तो परिवार पर बोझ भी कम हो गया। उस बीच उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर टूर्नामेंट में मैडम भी हासिल किए।
बहरहाल कठिनाइयों भरे संघर्ष के बाद आखिरकार शेउली ने ना सिर्फ अपने घर का नाम रोशन किया बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है क्योंकि रविवार रात उन्होंने बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ 2022 गेम्स में भारत को वेटलिफ्टिंग में तीसरा गोल्ड दिलाया है।
आपको बता दें कि बर्मिंघम कॉमनवेल्थ 2022 गेम्स में भारत को अब तक कुल 6 मेडल हासिल हुए हैं। जिसमें सभी मेडल वेटलिफ्टिंग में ही जीते गए हैं।