October 6, 2024

मायावती के सामने जमीन पर बैठकर बात करते थे मंत्री, बसपा सुप्रीमों ने बातई वजह

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नमन सत्य़ न्य़ूज ब्य़ूरो

उत्तर प्रदेश आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज हो चुकी है। हर कोई अपने-अपने वोटर साधने में एक बार फिर से लग चुका है। ऐसे में लंबे समय से यूपी की राजनीती में शांत बैठी बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी अब यूपी विधानसभा चुनाव का बिगुल फुंक दिया है और प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। इसके साथ ही हाल ही मायावती ने ये भी कहा था कि इस विधानसभा में बीएसपी किसी भी बाहुबली को अपनी पार्टी से टिकट नही देंगी। वही मायावती को लेकर ये भी बात कही जाती है कि वो एक तानाशाह नेता है। हालांकि मायावती के मुताबिक ये सिर्फ विरोधियों का कहना है। ऐसा कुछ नही है कि वो तानाशाह नेता है। वो एक जनसेवक है और जनता के हित में काम करती है। मायावती को लेकर ये भी कहा जाता है कि वो जब मंत्रियों के साथ रहती है तो उनके मंत्री जमीन पर बैठकर उनसे बात करते है, उस दौरान मायावती द्वारा उनसे बुरा व्यवहार किया जाता है। इसको लेकर भी मायावती कह चुकी है कोई भी मंत्री उनके कहने पर जमीन पर नही बैठता है बल्कि वो उनका सम्मान करते है और खुद ही जमीन पर बैठते है। इसको हर इंसान अपने अपने नजरिये से देखता है लेकिन इसमें विवादित कुछ भी नही है। आपको बता दे कि मायावती को बेहद कड़क मिजाज का नेता भी कहा जाता है। वो अपनी सरकार में छोटी-छोटी बातों पर अधिकारियों पर गाज गिरा देती थी। जिसकी बानगी ये है कि एक बार वो अपने गांव बादलपुर जा रही थी, उसी दरमियां उनका काफिला रास्ता भटक गया और ये गलती पुलिस पार्टी के ड्राइवर के चलते हुई थी। क्योंकि उस दौरान ड्राइवर रास्ता भटक गया था। जिसके बाद इस घटना से नाराज मायावती ने तत्काल जिले के ssp को सस्पेंड कर दिया था। आपको बता दे कि बसपा सुप्रीमों यूपी की 4 बार की सीएम रह चुकी है। सबसे पहली बार मायावती ने साल 1995 मे बतौर सीएम शपथ ली थी। हालांकि वो सरकार लंबे समय तक नही चल सकी थी। वही साल 2007 से 2012 में उन्होनें चौथी बार सीएम पद की शपद ली और अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। हालांकि मायावती द्वारा नोएडा से लखनऊ तक बनाए गए पार्क और स्मार्ग से प्रदेश की जनता नाराज हो गई। जिसके चलते 2012 से 2017 के चुनावों में जनता ने मायावती से सत्ता की कुर्सी छिन ली थी। बरहाल ऐसे में अब एक बार फिर चुनाव नजदीक है तो मायावती भी अब किसी मायने में पिछे नही रहना चाहती है। लिहाजा अब वो लगातार चुनाव ताल ठोक रही है। लेकिन ये तो आने वाला वक्त ही बतायेंगा कि इस बार प्रदेश की जनता किसे अपना मुखिया चुनती है.

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