October 6, 2024

विकास दुबे मामले में यूपी पुलिस को राहत, नही मिले एनकाउंटर के सबूत

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नमन सत्य ब्यूरो

यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई रिटायर जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने कानपुर के बीकरू गांव वाले विकास दुबे मामले में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी है। सुप्रीम कोर्ट
ने कहा कि पुलिस के खिलाफ एनकाउंटर के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। लिहाजा उत्तर प्रदेश पुलिस को दोषी नहीं माना जा सकता। आपको बता दे की पिछले 8 महीने से विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच चल रही थी। जिसमें तीन लोगो की कमेटी गठित कर जांच की जा रही थी। इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस बीएस चौहान कर रहे थे। जबकि उनके साथ कमेटी में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता और हाई कोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल शामिल थे।

बिकरू गांव की पूरी घटना, पढ़े

2/3 जुलाई 2020 : ये वो तारीख है जब बीकरू गांव में मातम का माहौल पसर गया था। दरअसल इस रात क्षेत्रधिकारी समेत आठ पुलिसकर्मी विकास दुबे को पकड़ने उसके गांव पहुंचे थे। जहां विकास पहले से ही अंधेरे का फायदा उठाते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए घात लगाए बैठा था। जैसे ही पुलिसकर्मी विकास को पकड़ने उसके घर पहुंचे तो विकास की तरफ से पुलिस पार्टी पर गोलीबारी कर दी गई थी। जिसमें 8 पुलिसकर्मी की मौके पर मौत हो गई थी। जिसके अगले दिन बाद पुलिस ने विकास के चाचा और अतुल दुबे को एनकाउंटर को मार गिराया था।

8 जुलाई 2020 : एसटीएफ ने विकास दुबे के बेहद करीबी अमर दुबे को हमीरपुर जिले में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था। जिसके बाद इसी दिन एसटीएफ ने प्रभात मिश्रा को भी एनकाउंटर में मार गिराया था।

9 जुलाई 2020 : पुलिस ने विकास दुबे के करीबी बब्बन शुक्ला को इटावा जिले में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया था।

विकास दुबे की गिरफ्तारी और मौत की पूरी कहानी

9 जुलाई 2020 को मध्यप्रदेश के उज्जैन मंदिर में विकास की गिरफ्तारी हुई जिसके बाद विकास को यूपी एसटीएफ के हवाले कर दिया गया था।

10 जुलाई 2020: यूपी एसटीएफ विकास दुबे को वापस यूपी लेकर आ रही थी। जैसे ही एसटीएफ विकास को लेकर कानपुर नगर की सीमा पर पहुंची, तभी वहां गोलियों की तड़तड़ाहट की अवांजें गूंजने लगी। जब वह लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हुई तब लोगो को पता चला की जिस गाड़ी में विकास दुबे को लाया जा रहा था। वह गाड़ी सड़क पर फिसल कर पलट गई। जिसमें पुलिस द्वारा विकास दुबे के भागने की बात कही गई थी। जब पुलिस ने विकास को रोकना चाहा तो विकास ने पुलिस की बंदूक छीनकर पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग करते हुए पुलिस ने विकास को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। घटना के 8 महीने बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों की कमी होने के चलते यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी है।

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