मोदी नाम की माला क्यों जप रहे हैं जदयू सांसद ?
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम क्या आये देश की राजनीति में हलचल मच रही है। बीजेपी के लोग तो हुड़दंग मचा ही रहे हैं लगे हाथ एनडीए के लोग भी झूम रहे हैं। मानो भांग की नशा में लोग मतवाला हों। यहाँ तक तो सब ठीक है। बीजेपी वाले वैसे भी कुछ ज्यादा ही मतवाला रहते हैं। लेकिन जब विपक्ष के नेता भी मतवाला होने लगे तो खेल समझ में आता है। खेल की कहानी समझ में आती है। और फिर खेल के मायने निकाले जाते हैं।
बिहार जदयू में सबकुछ ठीक नहीं लग रहा। जैसे ही तीन राज्यों राजस्थान ,मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत हुई देश की सियासी मूड भी बदले। बात बिहार तक पहुंची। आंकलन किये गए। बिहार के लोग राजनीति रूप से कुछ ज्यादा ही सक्रिय होते हैं इसलिए खूब गुना भाग लगाए गए। बात फिर जदयू तक पहुंची। और फिर कई सांसदों को बीजेपी की यह जीत कायदे की लगी। मोदी के प्रति अनुराग जगा और फिर नारे लगाए गए।
बिहार में अचानक जदयू के भीतर से ये नारे क्यों निकले ? यह बड़ा सवाल है। क्या जदयू के भीतर सब कुछ ठीक नहीं ? क्या जदयू के नेता यह मान कर चल रहे हैं कि मोदी के सामने कोई टिक नहीं पायेगा ? नीतीश कुमार भी हार सकते हैं ? मोदी का नाम बड़ा है और मोदी के नाम के सामने देश में कोई नहीं ? बहुत से ऐसे सवाल हो सकते हैं। जदयू के भीतर इससे भी ज्यादा सवाल उमड़ घुमड़ रहे हैं।
जदयू के सांसद है सुनील कुमार पिंटू। उनकी अपनी प्रतिष्ठा है और पहुँच भी। नीतीश कुमार के खास तो है ही बीजेपी में भी उनके कई दोस्त हैं। सुशील मोदी से भी उनकी खून छनती है। लेकिन जैसे ही तीन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने की बात सामने आयी सांसद पिंटू का मिजाज भी बदला। बिहार में साइड इफेक्ट भी दिखा। जदयू के भीतर तल्खी भी देखि गई। आखिर यह सब क्यों ? बीजेपी दूसरे प्रदेशों में जीत हासिल कर रही है तो बिहार के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ?
दरसल तीन हिंदी राज्यों में जीत के बाद बिहार के भाजपाई खून हंगामा कर रहे हैं। मानो बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल कर ली है। लेकिन सच यही है कि इस चार राज्यों के चुनाव परिणाम में बीजेपी से कही ज्यादा वोट कांग्रेस को मिले हैं। बीजेपी के पक्ष में जहां करीब चर करोड़ 80 लख वोट पड़े हैं वही कांग्रेस के पक्ष में चार करोड़ 90 लाख से जयदा वोट मिले हिन्। फिर भी बीजेपी की जीत हुई मौर भाजपाई हुड़दंग मचा रहे हैं।
जदयू के भीतर इस हुड़दंग की गूंज कुछ ज्यादा ही सुनाई पड़ रही है। जदयू संसद सुनील कुमार पिंटू मनो मोदी के मुरीद हो गए हैं। पहले उन्होंने बहुत सहा और फिर रहा नहीं गया तो बोलने पर विवश हो गए। पिंटू कहने लगे कि मोदी बड़े नेता है। मोदी है तो मुमकिन है। पिंटू ने आगे यह भी कहा कि मोदी की वजह से बीजेपी तीन राज्यों में बहुमत वाली सरकार बना रही है।
पिंटू के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति भी गरमा गई। कुछ लोगों ने तंज किया कि क्या जदयू के लोग बीजेपी में जाने को तैयार है ? लेकिन अभी तक कोई उत्तर जदयू से नहीं मिला है। लेकिन उधर सांसद पिंटू ने बात को फिर आगे बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोगों ने नारा दिया था कि मोदी है तो मुमकिन है और मोदी है तो गारंटी है।,उस पर जनता ने मुहर लगा दी है। चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि मोदी पर जनता का भरोसा कायम है। तभी तो तीन राज्यों में बीजेपी को बहुमत मिला है। इससे यह भी साबित होता है कि जानत का मोदी की गारंटी पर भरोसा है।
जदयू सांसद के इतने कहते ही पार्टी के भीतर से आवाज उठने लगी। कई लोगों ने सांसद पिंटू पर हमला किया। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने सांसद पिंटू पर हमला किया और उनसे इस्तीफे की मांग तक कर दी है। नीरज ने यह भी कहा है कि ”पिंटू अगर ये लग रहा है कि मोदी है तो मुमकिन है तो उन्हें इस्तीफा देकर बहार चला जाना चाहिए। पिंटू ने जदयू के नाम पर वोट लिया था इसलिए अब समय कम बचा है। इस्तीफा दीजिये ”