नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा कराए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नही की सुनवाई
विपक्ष द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई, लेकिन कोर्ट ने इसपर सुनवाई करन से मना कर दिया। जैसे ही याचिकाकर्ता एडवोकेट जया सुकिन ने दलीलें देनी शुरू कीं, वैसे ही कोर्ट ने कहा- समझ में नहीं आता आप लोग ऐसी याचिका लाते ही क्यों हैं? इसमें आपका क्या इंटरेस्ट है?
28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस समेत 20 दल इसका विरोध और बहिष्कार कर रहे हैं। इस दलों का कहना है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाए क्योकि वे देश की प्रथम नागरिक हैं। संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति से न कराना संविधान का अपमान है। विपक्ष द्वारा इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट सुकिन ने गुरुवार को एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को इनॉग्रेशन में न बुलाकर संविधान का उल्लंघन किया है। इनॉग्रेशन राष्ट्रपति ही करें। इस याचिका को लेकर एडवोकेट जया सुकिन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे जिसपर शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई करने से मना कर दिया।
इसके बाद याचिकाकर्ता एडवोकेट जया सुकिन ने पिटीशन वापस लेने की इजाजत मांगी। इस पर केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने सवाल करते हुए कहा कि याचिका वापस लेने के बाद ये हाईकोर्ट भी जा सकते हैं। इसके बाद कोर्ट ने जया सुकिन से सवाल किया कि अगर आप हाईकोर्ट जाना चाहते हैं तो हम याचिका रद्द कर देंगे। इस पर सुकिन ने कहा- मैं हाईकोर्ट भी नहीं जाऊंगा। मैं नहीं चाहता याचिका रद्द हो, वरना सरकार को ऐसे इनॉग्रेशन का सर्टिफिकेट मिल जाएगा।