September 29, 2024

कहीं आग,कहीं बर्फ तो कहीं सड़क दुर्घटना ने ली जान, 6 महीनों में 27 जवान हादसो का शिकार

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गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पूंछ से एक खबर सामने आई जिसमे तोता गली इलाके के भट्टा डूरियल जंगल के पास एक आर्मी ट्रक में आग लग गयी। इस हादसे में सेना के 5 जवानों की मौत हो गई। हादसे के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है, लेकिन शुरुआती जांच में अभी तक सामने आया है कि आग ट्रक पर बिजली गिरने से लगी है, क्योंकि हादसे वाली जगह पर बारिश हो रही थी। ऐसे में बिजली गिरने की संभावना सबसे ज्यादा थी। लेकिन सेना के ट्रक पर गिरने से हमला होने का भी शक जताया जा रहा है, ऐसे में इस हादसे की सेना सभी एंगलों से जांच कराएगी।

हादसे में शहीद होने का साल का दूसरा मामला

हादसा जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके से 90 किलोमीटर दूर हुआ। जब स्थानीय लोगों को हादसे की जानकारी लगी तो लोगों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने में मदद की। लेकिन तबतक यह हादसा 5 जवानों को अपनी चपेट में ले चुका था। जवानो का इस तरह से शहीद होना देश के लिए बेहद दुखद है। लेकिन हादसे में जवानों के शहीद होने का इस साल का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी 11 जनवरी को 3 जवान खाई में गाड़ी गिर जाने से शहीद हो गए थे।

पिछले 6 महीनों में 27 जवान हादसों का शिकार
देश की रक्षा में बॉर्डर पर तो जवान शहीद होते ही हैं, लेकिन कई प्रकार के हादसे भी सेना के शहीद होने का मुख्य कारण बन रहे हैं। पिछले 6 महीने में करीब 27 सेना के जवान इन्हीं हादसों के चलते शहीद हो गए।

11 जनवरी को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में 3 जवान रेगुलर ऑपरेशन के लिए निकले थे, लेकिन बर्फ के कारण उनकी गाड़ी से फिसलकर खाई में गिर गई। जिसके चलते नायब सूबेदार पुरुषोत्तम कुमार, हवलदार अमृत सिंह और सिपाही अमित शर्मा शहीद हो गए।
यही नहीं दिसंबर 2022 में सिक्किम के जेमा में जवानों से भरा एक ट्रक खाई में गिर गया, जिसमें देश के 16 जवान शहीद हो गए, जो हमारे देश के लिए एक बड़ी क्षति थी। वहीं पिछले साल ही नवंबर में कुपवाड़ा के माछिल इलाके में गस्त पर निकले 56 राष्ट्रीय राइफल्स के 5 जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए, जिसमें से 2 जवानों का तो रेस्क्यू कर लिया गया परन्तु 3 जवान शहीद हो गए।
यह हादसे सिर्फ पिछले छह महीनों के ही हैं जिनमें अब तक हमारा देश 27 जवानों को खो चुका है।

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