SKM की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला आज, आंदोलन को मिलेगी नई उड़ान या वापस घर लौटेंगे किसान
दिल्ली ब्यूरो
दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 377 दिन से चल रहे किसान आंदोलन पर बुधवार को अंतिम फैसला होगा। इस बैठक के साथ ही ये स्पषट हो जाएगा कि यहां से किसान आंदोलन एक नही उड़ान भरेगा या फिर किसान वापस अपने घर लौट जाएंगे। दरअसल कृषि बिल वापसी के बाद से प्रर्दशनकारी किसान अब अपने घर वापस तो लौटना चाहते है, लेकिन उससे पहले इन लोगों की सरकार से 5 मांगे है। जिसमें किसानों का सरकार से पहली मांग है कि प्रर्दशन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस हो क्योंकि इस मुद्दे पर किसान नेता दर्शन पाल ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक मुकदमें वापस नही होंगे तब तक किसान वापस नही लौटेगा।
संयुक्त किसान मोर्च की दूसरी मांग है कि MSP कमेटी में किसानों के प्रतिनिधि सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा से ही शामिल किये जाएं। उस कमेटी में उन किसानों को शामिल ना किया जाए जो कृषि कानूनों के विरोध में थे। इसके अलावा किसानों की तीसरी मांग शहीद किसानों के मुआवजे को लेकर है। जिसपर SKM की मांग है कि सरकार शहीद किसानों के परिजनों को 5 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें। इसके साथ ही सरकार इनको लागू करने के लिए एक समय सीमा भी नर्धारित करें।
किसानों की चौथी मांग बीजली एक्ट को लेकर है । किसानों का कहना है कि बिजली एक्ट को पारित ना किया जाए क्योंकि इस एक्ट के पारित होने से देश का किसान भी बिल देने पर मजबूर हो जाएगा। इसके अलावा किसानों की अंतिम और पांचवी मांग पराली एक्ट पर है। किसानों का कहना है कि इस एक्ट के सेक्शन 15 से किसानों को ऐतराज है। क्योंकि इसमें किसानों पर जुर्माने का प्रावधान है। लिहाजा किसानों को इस सेक्शन से बाहर किया जाए। हालांकि भारतिय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की मानें तो सरकार बेवजह इस मुद्दे को बढ़ा रही है। सरकार को किसान से मुलाकात कर मामले को खत्म करना चाहिए लेकिन कभी वो किसानों के पास अपनी चिट्ठी भेजती है तो कभी किसान की तरफ से उन्हें चिट्ठी भेजी जाती है।
बरहाल किसानों ने केंद्र सरकार से हर मुद्दों पर बातचीत के लिए 5 मेंबर की कमेटी गठीत की है। जिसमें पंजाब से बलबीर राजेवाल, उत्तर प्रदेश से युद्धवीर सिंह, मध्यप्रदेश से शिव कुमार कक्का, महाराष्ट्र से अशोक धावले और हरियाणा से गुरनाम चढ़ूनी को शामिल किया गया हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से बातचीत के बाद SKM की मीटिंग में यह नेता पूरी जानकारी रखेंगे और सर्वसम्मति से आंदोलन के भविष्य का फैसला लेंगे।