खाकी-खादी के बाद नए अवतार में नजर आये बिहार के पूर्व DGP, अपनाया अध्यात्म का रास्ता
नमन सत्य न्यूज ब्यूरो
बिहार के पूर्व डीजीपी जदयू नेता गुप्तेश्वर पांडे अब एक नई भूमिका में नजर आ रहे हैं। दरअसल सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सुर्खियों में आए गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त डीजीपी पद से इस्तीफा देकर जेडीयू का दामन थाम लिया था। जिसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि बिहार की राजनीति में वह कुछ नया और बड़ा कर सकेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका जब जदयू ने उन्हें टिकट देने तक से मना कर दिया ऐसे में गुप्तेश्वर पांडे पिछले कुछ दिनों से अब बिल्कुल एक नए अवतार में आ गए है। दरअसल वह गेरुआ वस्त्र धारण कर कथावाचक बन गए हैं।
आपको बता दें कि 24 जून को एक निजी बैनर के तले गुप्तेश्वर पांडे ने श्रीमद् भागवत अमृत वचन कार्यक्रम में कथावाचक की भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। हालांकि राजनीति में सफलता नहीं मिलने के बाद गुप्तेश्वर पांडे ने अध्यात्म का रास्ता चुना। अब उनका अधिकतर समय बिहार के बाहर बीतता हैं। इस दौरान वो देश के अलग-अलग मंदिरों का भ्रमण करते हैं। ऐसे में पिछले हफ्ते गुप्तेश्वर पांडे अयोध्या में थे। जहां उन्होंने हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में कथा वाचन भी किया।
गौरतलब है कि 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी और बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अपने बेबाक बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती को लेकर दिए बयान के बाद भी उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थी। इसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले डीजीपी पद से वीआरएस ले लिया था। उसके बाद ये कयास लगाये जाने लगे थे कि वह चुनाव लड़ेंगे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया। जिससे उनकी उम्मीद टूट गई। ऐसे में अब वह सब कुछ छोड़ कर अध्यात्म के मार्ग पर चलकर कथावाचक बन गए।
आपको बता दें कि गुप्तेश्वर पांडे मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने एसएसपी, एसपी, आईजी डीआईजी और एडीजी के तौर पर बिहार के 26 जिलों में अपनी सेवाएं दी हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर गुप्तेश्वर पांडे, चुलबुल पांडे के तौर पर काफ़ी मशहूर है। वहीं विधानसभा चुनाव 2020 के पहले बिहार के एक सिंगर ने उनके लिए ‘रॉबिनहुड बिहार के’ नाम से एक गाना भी गाया था, जोकि काफी चर्चा में रहा था।