September 30, 2024

पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू कश्मीर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह, हाई लेवल अधिकारियों साथ बनाई रणनीति

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जम्मू ब्यूरो

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन के कश्मीर दौरे पर है। उस दौरान उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत नौगाम में शहीद इंस्पेक्टर परवेज अहमद के घर जाकर की। अमित शाह ने शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों से बातचीत कर उनका हाल जाना और शहीद की पत्नी फातिमा अख्तर को सरकारी नौकरी के आधिकारिक कागजात सौंपे। गौरतलब है कि जून महीने में आतंकियों ने गोली मारकर परवेज अहमद की हत्या कर दी थी। वहीं परवेज के परिजनो से मुलाकात के बाद अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर राजभवन में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और बढ़े टेरर किलिंग मामले पर चर्चा की, उस दौरान बेठक में अमित शाह के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र और डीजीपी दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।

क्यों खास है अमित शाह ये दौरा ?

गृह मंत्री अमित शाह का ये दौरा कई मायनों में खास है। जिसमें सबसे पहले तो ये कि हालिया दिनों घाटी में आतंकदाव के घटनाओं में इज़ाफ़ा हुआ है. दूसरा ये कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से गृह मंत्री का ये पहला दौरा है। अमित शाह के दौरे को लेकर जम्मू-कश्मीर में खासी तैयारियां की गई हैं। सुरक्षा व्यवस्था को काफी सख्त कर दिया गया है. ..कुछ इलाकों में इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। बरहाल माना ये जा रहा है कि अमित शाह अपने इस तीन दिवसीय दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात की समीक्षा के साथ-साथ विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा उनका जोर हालिया टारगेट किलिंग की घटनाओं को भविष्य में रोकने और आतंकवाद को जड़ से कुचलने पर भी होगा, क्योंकि 10 अक्टूबर से जम्मू में आतंकवादियों ने आम नागरिकों की चुन-चुनकर हत्या करके …सरकार और सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौती पेश कर दी है… कश्मीर पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, आतंकियों ने इस साल 28 आम नागरिकों की हत्या की गई है… यह सब पाकिस्तान की सरकार, वहां की आर्मी, खुफिया एजेंसी ISI और उसके पालतू आतंकी संगठनों के इशारों पर हो रहा है…


पाकिस्तान को मात देने की चुनौती


शाह का ये दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, ..जब पिछले कुछ दिनों से घाटी में आतंकी द्वारा मजदूरों और अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। आतंकी हमलों के बाद लोगों में खौफ भी बढ़ गया है… कई प्रवासी मजदूर और अल्पसंख्यक हिन्दू घाटी छोड़कर भी जा रहे हैं… ऐसे में शाह का दौरा अल्पसंख्यकों में भरोसा जगा सकता है… अक्टूबर के पिछले दो सप्ताह में ही 11 आम नागरिकों …और नौ आर्मी जवानों की हत्या की जा चुकी है… आतंकी कश्मीर पंडितों, सिखों और प्रवासी मजदूरों को निशाना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि शाह आम नागरिकों का खून बहाकर घाटी में फिर से दहशत का माहौल पैदा करने की नापाक कोशिशों में पाकिस्तान को पराजित करने की रणनीति तैयार कर चुके है। ऐसे में शाह के दौरे के जरिए पाकिस्तान को ये संदेश देने की कोशिश भी होगी कि वो कितना ही आतंक फैलाए,… भारत अपने लोगों का हौसला हिलने नहीं देगा. ..

शाह के एजेंडे में और क्या है?-


शाह के दौरे को विकास कार्य की समीक्षा के बहाने रुकी हुई राजनीतिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है…. बताया जा रहा है कि शाह पहले जम्मू-कश्मीर में सर्वदलीय बैठक भी करने वाले थे,.. लेकिन कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों के इनकार के बाद इस प्लान को टाल दिया गया।

6 अगस्त 2019 को धारा-370 हटने का हुआ था ऐलान


अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ये गृहमंत्री का पहला कश्मीर दौरा है… हाल के दिनों में आतंकी हमलों में आई तेजी के बाद अमित शाह के 3 दिनों के इस दौरे के कई मायने हैं… 6 अगस्त 2019 को संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटने का ऐलान किया था.. तब हिन्दुस्तान के अरमानों को पंख लगे थे… अब 3 दिनों के एजेंडे में गृहमंत्री का पूरा फोकस आतंकवाद के खिलाफ जारी अभियान पर है… सरकार साफ संदेश देना चाहती है कि घाटी में आतंकवाद के सफाए के लिए प्रतिबद्ध है…. संदेश है आतंकियों के मददगारों को कि दहशतगर्दी के किसी भी हिमाकत का बराबर हिसाब होगा.

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