टोक्यो पैरालंपिक: भारत की तरफ से देवेंद्र झाझरिया है गोल्ड के प्रबल दावेदार

नमन सत्य ब्यूरो
मंगलवार को टोक्यो में पैरालंपिकि की शुरूआत की जा रही है। इस दौरान 54 खिलाड़ियो का दल भारत की तरफ से भेजा गया है। इस दल में शामिल है देवेंद्र झाझरिया, देवेंद्र भारत के पहले पैरा ओलंपियन हैं जिन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। देवेंद्र झाझरिया साल 2004 में एथेंस ओलिंपिक में गए थे, तब उन्होनें भारत के लिए गोल्ड हासिल किया था। बढ़ते समय के साथ-साथ देवेंद्र का प्रर्दशन और भी ज्यादा निखरता गया। ऐसे मे अब माना ये भी जा रहा है कि देवेंद्र टोक्यों पैरालंपिक में भी भारत को गोल्ड दिलायेंगे। आपको बता दे कि भारतीय एथलेटिक्स में देवेंद्र झाझरिया एक चर्चित नाम है। वो भाला फेंक में चैंपियन हैं। उन्होंने साल 2016 में रियो में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इससे पहले साल 2004 के एथेंस में भी उन्होंने गोल्ड जीता था। साल 2004 से 2016 के बीच के 12 साल में वो एफ-46 जैवलिन पैरालिंपिक का हिस्सा नहीं थे। भारत के सर्वश्रेष्ठ पैरालिंपियन माने जाने वाले झाझरिया ने रियो में 63.97 मीटर दूर भाला फेंक रेकॉर्ड बनाया था। इसके बाद जुलाई 2021 में 65.71 मीटर दूर भाला फेंक उन्होंने टोक्यों के लिए क्वॉलिफाई किया था। वहीं एथेंस में उन्होंने 62.15 मीटर दूर भाला फेंककर विश्व रेकॉर्ड बनाया था।
झाझरिया को 2021 में पद्मश्री ने भी पुरस्कृत किया जा चुका है। हालांकि देश में वो इस सम्मान को हासिल करने वाले पहले पैरा एथलीट रहे। इससे पहले उन्हें साल 2005 में अर्जुन अवॉर्ड और साल 2017 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। फिलहाल देवेंद्र लगभग 40 साल के हो चुके है। ऐसे में देवेंद्र अपनी बढ़ती उम्र को देखते हुए इस बार के पैरा ओलंपिक को अपना आखिरी पैरालिंपिक मान रहे हैं। लिहाजा वो इसे यादगार पैरालंपिक बनाना चाहते है। वहीं दूसरी तरफ उनके शानदार प्रर्दशन को देखते हुए उन्हें भारत की तरफ से गोल्ड विजेता का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।