सैफई में पहली बार दलित को चुना गया प्रधान, 74 सालों से दलित समाज कर रहा था इंतजार

नमन सत्य ब्यूरो
उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव का परिणाम घोषित होते ही सैफई के दलित समाज का मानो नया जन्म हो गया हो, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं। क्योंकि मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में आजादी के इतने सालों बाद पहली बार दलित समाज से प्रधान चुना गया है। प्रधानी का पद जीतने वाले रामफल बाल्मीकि को 3 हजार 877 वोटों से जीत दर्ज हुई है। जबकि विपक्षी दल को मात्र 15 वोट ही मिल ही सके।
पहली बार हुआ मतदान
सैफई गांव में आजादी के इतने सालों बाद तक कभी मतदान ही नही हुआ, क्योंकि अब तक इस गांव में निर्विरोध प्रधान चुना जाता था। 1971 से मुलायम सिंह यादव के दोस्त दर्शन सिंह यादव लगातार कई वर्षों तक गांव के प्रधान होते रहे। लेकिन पिछली साल 17 अक्टूबर, 2020 को उनका निधन हो गया। जिसके बाद प्रधानी पद खाली हो गया था। जिसके बाद सामान्य पंचायत चुनाव में सैफई गांव के प्रधान पद की सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया।