October 6, 2024

नवमीं में करें मां सिद्ध्दात्री की उपासना, रुके कार्यों में मिलेगी सिद्धि

0

नवरात्र के महान और पूज्य पर्व के नवें और अंतिम दिन माता सिद्धीदात्री की पूजा की जाती है। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। इस दिन शास्त्रों के विधि-विधान से पूजा करने पर साधक के संपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं। उसमें विजयी होने का सामर्थ्य आता है।

कौन हैं मां सिद्ध्दात्री

हिंदू पुराणों की कथा के अनुसार भगवान शिव ने इन्हीं की सहायता से सिद्धियों को प्राप्त किया था और इन्हीं की अनुकम्पा से ही प्रभु शिव शंकर का आधा शरीर देवी हुआ था। अर्दध्नारीश्वर भी कहा जाता है। माता चार भुजाओं वाली हैं और इनका वाहन सिंह है। अत: यदि आपको माता का आशीर्वाद चाहिए तो उसके आपको निरंतर प्रयत्न करने होंगे।

कैसे करें मां का पूजन

सुबह स्नान करके माता की चौकी को स्वच्छता से सजाएं और माता को गंगाजल से स्नान करवा कर इनका श्रृंगार कर दें और धूप, हवन, लौंग, कपूर आदि सुगंध, पुष्प अर्पण करें। इसके बाद हवन करें और सभी देवी देवताओं का स्मरण करें। इस प्रकार माता प्रसन्न होती हैं। इसके बाद नवैद्य, मिष्ठान से भोग लगाकर कंन्योओं का पूजन कर उन्हें दान दें। इसके बाद सच्चे हदय से माता को याद करें और अपनी विनती कहें। अपनी की हुई गलतियों की क्षमा मांगें। माता आपसे अवश्य प्रसन्न होंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *