नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा को करें प्रसन्न, जानें क्या हैं उपाय

नमन सत्य ब्यूरो
नवरात्र उत्सव का शुक्रवार को चौथा दिन है और इस मौके पर आप माता भगवती के चौथे स्वरुप कुष्मांडा माता को प्रसन्न कर के अपने सारे दुखों को दूर कर सकते हैं। हिन्दू पुराणों के अनुसार कहा जाता है कि जब श्रृष्टि का कोई अस्तित्व नहीं था उस वक्त इन्होंने ही ब्रम्हांड की रचना की थी। इस दिन साधक का मन “अनाहत” चक्र में अवस्थित रहता है।

कैसै करें मां की आराधना
इस दिन प्रात: स्नान कर के हरे रंग के वस्त्र धारण करें क्योंकि मां को हरा रंग अति प्रिय है। इसके बाद मां की चौकी को साफ करने के बाद मां को गंगाजल से स्नान कराकर श्रृंगार करें और माता को सिंदूर, धूप, दिया करके माता को गुड़हल या फिर गुलाब का फूल चढ़ाएं। मां को नवैद्य का भोग लगाकर अपने हाथ में फूल लेकर मां का स्मरण करें और बेहद शांत मन से मां की प्रार्थना करते हुए अपनी विनती कहें औऱ मां का आशीर्वाद लें।
कैसा है मां का स्वरुप
मां के तेज औऱ प्रकाश से दसो दिशाएं प्रकाशित होती हैं। श्रृष्टि के सभी प्रणियों में इन्हीं के प्रकाश की छाया है। ये सूर्य मंडल के भीतरी लोकों में निवास करती हैं। वहां निवास करने की क्षमता शक्ति केवल इनमें ही है। मां की आठ भुजाएं हैं इसलिए ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं।