दिल्ली सरकार के पक्ष में आया फैसला तो केंद्र सरकार ने जारी कर दिया अध्यादेश
दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल की लड़ाई एक बार फिर दिल्ली सरकार और केंद्र की लड़ाई बन चुकी है। केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल (LG) के बीच अधिकारों की लड़ाई में 11 मई को सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिए। साथ ही दिल्ली सरकार की याचिका पर 5 जजों की बेंच ने कहा था- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे।
लेकिन यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास ज्यादा दिन नही रह सके। फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में आने के 7 दिन बाद ही 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा।
यही नही केंद्र सरकार फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में सुनाए जाने के खिलाफ खुद सुप्रीम कोर्ट पहुंची और पांच जजों की बेंच के फैसले पर फिर से विचार करने की अर्जी लगाई है।
AAP ने जताई नाराजगी
केंद्र सरकार द्वारा इस अध्यादेश को लाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने नाराजगी जताई। कई APP नेताओं ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार पर जमकर तंज कसा। साथ ही ‘चौथी पास राजा’ जैसे ट्रेंड भी ट्विटर पर देखने को मिल रहे।
- आप नेता संजय सिंह ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे एक तानाशाह हैं। वे लोकतंत्र, संविधान और सुप्रीम कोर्ट को नही मानते है।
- दूसरी ओर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि पीएम मोदी को केजरीवाल से कितना डर लगता है। वो छोटे से राज्य में 6 महीने के लिए केजरीवाल को ताक़त नहीं देना चाहते। क्योंकि उन्हें पता है कि केजरीवाल सरकार 6 महीने में वो चमत्कारी काम करके दिखाएगी जिसे पूरा देश देखेगा।