July 3, 2024

बंगाल और तमिलनाडु में ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म न चलाने पर SC ने भेजा नोटिस

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5 मई को रिलीज हुई फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के सिनेमाघरों में लगते ही फिल्म विवादों के घेरे में आ गई थी। फिल्म में एक धर्म को लेकर प्रोपेगेंडा करने के आरोप लगाए गए। जिसके बाद इस फिल्म को 8 मई को पश्चिम बंगाल की सरकार द्वारा राज्य में बैन कर दिया गया। वहीं तमिलनाडु में भी सिनेमाघरों ने इस फिल्म को न चलाने का निर्णय किया। जिसके बाद फिल्म मेकर्स द्वारा बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करके पूछा है कि जब पूरे देश में द केरल स्टोरी फिल्म चल रही है, तो आपके यहां क्या दिक्कत है। 

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा- पश्चिम बंगाल देश से अलग नहीं है। जब देश के अन्य राज्यों में फिल्म शांतिपूर्वक चल रही है तो बंगाल और तमिलनाडु में फिल्म पर बैन क्यों लगाया गया है। ये दर्शकों के ऊपर छोड़ देना चाहिए कि वो फिल्म देखना चाहते हैं या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों राज्यों की भौगौलिक स्थिति अन्य राज्यों के तरह ही समान है फिर वहां फिल्म को क्यों नहीं चलने दिया जा रहा है। ये मामला कला की स्वतंत्रता के बारे में हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इस बयान पर बंगाल सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील डॉ.अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा – राज्य को इंटेलिजेंस की तरफ से रिपोर्ट मिली थी कि फिल्म की स्क्रीनिंग हुई तो राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर समस्या आ सकती है।

बुधवार को होगी अगली सुनवाई

शुक्रवार को हुई इस सुनवाई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकारों से जवाब मांगे जाने के बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को तय की है। द केरल स्टोरी की प्रोडक्शन टीम तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर लॉयर हरीश साल्वे ने जिरह करते हुए कहा- ‘बंगाल में फिल्म को बिना किसी प्रॉब्लम के बैन कर दिया गया। वहां फिल्म अपनी रिलीज के बाद तीन दिनों तक शांतिपूर्वक चली थी। यही हाल तमिलनाडु में भी रहा, वहां भी फिल्म पर आंशिक बैन लगा दिया गया है।

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