मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की चिंता, जरूरी वस्तुओं के प्रबन्ध के दिए आदेश
मणिपुर में 6 दिन पहले एक रैली के दौरान भड़की हिंसा के चलते अबतक हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। जिसपर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चिंता जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि यह मानवीय संकट है। विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। राहत कैंपों में दवाओं और खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों का इंतजाम हो। साथ ही राज्य में धार्मिक स्थलों की हिफाजत के लिए भी कदम उठाए जाएं।
गौरतलब है कि मणिपुर में 6 दिन पहले एक रैली के दौरान मैतेई और नगा-कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में 54 लोगों की जान चली गई। मणिपुर में अब तक 23 हजार लोगों को विस्थापित किया जा चुका है।
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर ट्राइबल फोरम और हिल एरिया कमेटी ने याचिकाएं दाखिल की हैं। इनमें हिंसा की SIT जांच और मैतेई समुदाय को ST लिस्ट में शामिल किए जाने के हाईकोर्ट के आदेश का विरोध किया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।
केंद्र सरकार का हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट को जवाब
सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिकाओं पर सुनवाई के बाद केंद्र सरकार से स्थिति को सामान्य बनाने की बात कही। जिसपर केंद्र द्वारा जवाब देते हुए कहा गया कि 2 दिन में कोई हिंसक घटना नहीं हुई। केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पिछले 2 दिन से कोई हिंसक घटना नहीं हुई है। रविवार को कर्फ्यू में भी ढील दी गई थी। राहत कैंप बनाए गए हैं। यहां खाने और दवाओं की व्यवस्था है। निगरानी हेलिकॉप्टर्स और ड्रोन से की जा रही है। शांति बैठकें करवा रहे हैं।
केवल धार्मिक स्थलों की ही नहीं, बल्कि लोगों और उनकी संपत्ति की भी सुरक्षा की जा रही है। CAPF की 35 टुकड़ियां तैनात की गई हैं। पैरामिलिट्री और सेना भी मौजूद है। हमारी अपील है कि अभी रिजर्वेशन के मसले पर सुनवाई ना की जाए।