माफिया मुख्तार अंसारी को मिली 10 साल की सजा, 16 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल और उनके भाई बसपा सांसद अफजाल को 4 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्तार पर 5 लाख और अफजाल पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद थे जिसके चलते मुख्तार की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, वही उनके भाई अफजाल खुद कोर्ट पहुंचे थे। अफजाल अंसारी को दो साल से ज्यादा की सजा हुई है। ऐसे में उनकी संसद सदस्यता जाना तय है। शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है।
अफजाल की संसद सदस्यता होगी खत्म
माफिया मुख्तार के भाई अफजाल बहुजन समाज पार्टी से लोकसभा सदस्य हैं, लेकिन उन्हे 2 साल से अधिक की सजा हुई है, ऐसे में अफजाल की संसद सदस्यता खत्म होना तय है। क्योकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(1) और (2) के तहत प्रावधान है, अगर कोई सांसद या विधायक हत्या, दुष्कर्म, धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर शत्रुता पैदा करता है या किसी आतंकवादी गतिविधि या संविधान को अपमानित करने जैसे आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होता है तो संसद और विधानसभा से उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी. इसके अलावा इसी अधिनियम की धारा 8(3) में प्रावधान है कि ऊपर बताए गए अपराधों के अलावा भी अगर किसी अपराध में विधायक या सांसद को दोषी ठहराया गया और उसे 2 वर्ष से अधिक की सजा सुनाई गई तो इस संबंध में विधायक या सांसद की सदस्यता रद्द हो सकती है. इसके साथ ही उसके 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगा दिया जा सकता है. हालांकि, अगर सजा निचली अदालत से मिली है और ऊपरी अदालत से सजा पर रोक लगा दी जाती है तो सांसद या विधायक की सदस्यता नहीं जाएगी।
कितना पुराना है मामला
गैंगस्टर एक्ट का ये मामला 16 साल पुराना है। 2007 में कृष्णानंद राय की हत्या (2005) के दो साल बाद इस मामले में पुलिस ने दर्ज किया था। यह केस राय की हत्या के बाद हुई आगजनी, बवाल और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाते हुए पुलिस ने मुख्तार और अफजाल पर दर्ज किया था।
फिलहाल इस मामले की कार्यवाई अब परी हो चुकी है और गुनहगारों को कोर्ट द्वारा सजा सुना दी गई है।