पुंछ हमले में आतंकियों को मिला था स्थानीय लोगो का सहयोग, एक स्थानीय गिरफ्तार
21 अप्रैल को पुंछ में सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले की जांच-पड़ताल पुलिस की टीम अभी तक आतंकियों का पता तो नही लगा पाई है, लेकिन पुलिस टीम को एक कामयाबी हाथ लगी है। जांच से पता चला है कि पुंछ आतंकी हमले में कुछ स्थानीय लोगों ने सहयोग दिया था। जिसके बाद पुलिस ने गुरसाई गांव निवासी निसार अहमद को गिरफ्तार किया गया है, जिसने कबूल किया कि उसने आतंकवादियों को शरण दी थी।
आपको बता दें कि 21 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के वाहन पर आतंकियों द्वारा हमला किया गया जिसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए जबकि एक जवान घायल हो गया। जिसके बाद से आतंकवादियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। पुंछ और राजौरी के आसपास के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर घेराबंदी की गई है। इस अभियान के दौरान ही टीम को जानकारी मिली कि हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को आश्रय दिया गया था और फिर हमले को अंजाम देने के लिए परिवहन मुहैया कराया गया था।
राजौरी जिले के दरहाल इलाके के अपने दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा कि इस तरह के हमले स्थानीय समर्थन के बिना नहीं किए जा सकते। आतंकवादियों ने हमले को अंजाम देने के लिए स्टील कोटेड कवच भेदी गोलियों और आईईडी का इस्तेमाल किया।
डीजीपी ने कहा, ‘आतंकियों ने इलाके की रेकी की थी। उन्होंने सेना के वाहन को उस समय निशाना बनाया जब वह एक मोड़ पर लगभग जीरो स्पीड से यात्रा कर रहा था। शुरुआती जांच से पता चलता है कि राजौरी-पुंछ इलाके में 9 से 12 विदेशी आतंकी सक्रिय हो सकते हैं। ये आतंकवादी हाल ही में घुसपैठ कर सकते थे।’
उन्होंने कहा कि इसी तरह की गोलियों का इस्तेमाल आतंकवादियों ने राजौरी जिले के धनगरी हमले में किया था। उन्होंने कहा कि चूंकि पुंछ में हमला एक वन क्षेत्र के पास किया गया था, इसलिए आतंकवादी जंगल में प्राकृतिक ठिकाने का भी इस्तेमाल कर सकते थे।
फिलहाल जांच टीम तेजी से इस हमले के जिम्मेदारों की तलाश में जुटी है और उनको उम्मीद है कि जल्द से जल्द सभी आतंकी पकड़े जाएंगे।