उमेश पाल केस में अतीक को उम्र कैद की सजा, हनीफ व दिनेश पासी भी पाए गए दोषी

2005 के राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण मामले में 17 साल बाद आज यानि 28 मार्च को प्रयागराज के एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा माफिया अतीक अहमद व हनीफ और दिनेश पासी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया। मामले में कुल 11 लोगों पर आरोप पर आरोप था जिसमें एक आरोपी अंसार अहमद की पहले ही मौत हो चुकी है।
आपको बता दें की 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके मुख्य गवाह उनके रिश्तेददार उमेश पाल थे। हत्या का आरोप अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ पर लगा था। जब कोर्ट में इस केस की पहली बार सुनवाई होनी थी, तब माफिया अतीक व उसके साथियों ने केस के मुख्य गवाह उमेश पाल को अतीक के खिलाफ गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी गई। लेकिन जब उमेश पाल ने अतीक की बात नहीं मानी तो 28 फरवरी 2006 को उमेश का अपहरण कर लिया गया और उसे बहुत ज्यादा मारा पीटा गया। जिसके बाद उमेश पाल ने अतीक के पक्ष में गवाही दे दी थी। लेकिन इसके बाद उमेश पाल ने 5 जुलाई 2007 को सांसद अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ समेत 10 अन्य लोगों के खिलाफ अपहरण, मारपीट व धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। जिसके बाद इस केस पर कार्यवाही होती रही और अब जब 17 साल बाद 28 मार्च को इस केस का फैसला होना था, उससे ठीक 32 दिन पहले 24 फरवरी को उमेश पाल वह उसके सिक्योरिटी गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
फिलहाल अब उसके जुर्मो का पिटारा भर चुका है और उसके खिलाफ कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उम्र कैद की सजा दे दी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अतीक के अतीक गैंग के उपर 101 मुकदमें दर्ज हैं, जिसमें से अभी एक ही केस पर फैसला आया है।