हाथरस कांड: ढाईं साल बाद आया कोर्ट का फैसला, 4 में से सिर्फ एक को सजा
14 सितंबर 2020 को हुए हाथरस कांड में गुरुवार को SC-ST कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया, जिसमें चारों रेप के आरोपियों को बरी कर दिया गया। कोर्ट का कहना है कि चारों आरोपियों पर रेप का कोई भी जुर्म साबित नहीं हो सका है। कोर्ट ने चारों में से एक आरोपी संदीप ठाकुर को हत्या के मामले में दोषी माना है और संदीप को कोर्ट द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2020 में हुए रेप कांड के ढाई साल बाद SC-ST कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया, जिसमें कोर्ट का कहना है की चारों आरोपियों में से किसी पर भी रेप का आरोप साबित नहीं हो पाया है। तीन आरोपियों को छोड़कर सिर्फ एक संदीप ठाकुर को गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी पाया गया है और उसे धारा 304 के तहत उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट द्वारा तीन अन्य आरोपियों के बरी कर देने के बाद पीड़ित परिवार के लोगों में काफी असंतोष है, पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
दरअसल यह मामला हाथरस के चंदवा क्षेत्र के एक गांव का है, जहां 14 सितंबर 2022 को एक दलित युवती के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। गैंगरेप के बाद पीड़िता की जीव भी काट दी गई थी। पीड़ित महिला को गंभीर हालत में जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत ज्यादा ज्यादा नाजुक होने के कारण उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। परन्तु उसकी हालत में कुछ भी सुधार ना होने के कारण पीड़िता को 28 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लाया गया जहां 29 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस मामले में युवती के भाई ने गांव के ही संदीप ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में 26 सितंबर को पीड़िता के बयान के आधार पर लोकेश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया।
इस मामले की वीडियो और फोटो वायरल होने के बाद देश भर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसके बाद इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई की 67 दिन की जांच के बाद 18 दिसंबर 2020 को चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई थी, लेकिन सीबीआई ने जिन धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दायर की थी, वह कोर्ट में साबित नहीं हो पाए। जिसके चलते तीन आरोपी केस से बरी हो गए और एक को उम्र कैद की सजा दी गई।