अमेठी: नही थम रहा स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर विवाद
विजय कुमार सिंह, संवाददाता
स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस वाले बयान पर चल रहा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है, लगातार धार्मिक संगठनो के लोग इसके विरोध में आते जा रहे हैं। बता दें कि कुछ दिनो पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस को पिछड़ो और दलितों को अपमानित करने वाला ग्रंथ बताया था। साथ ही उन्होने सवालिया लहजे में कहा कि किसने कहा कहा है कि रामचरित मानस एक धार्मिक ग्रंथ है? उन्होने कहा कि गाली कभी धर्म का हिस्सा नही हो सकती। अपमान करना किसी धर्म का उद्देश्य नही होता। जिन पाखंडियो ने धर्म के नाम पर पिछड़ो, महिलाओं को अपमानित किया, नीच कहा, वो अधर्मी है। किसने कहा रामचरित मानस धार्मिक ग्रंत है? तुलसीदास ने तो नही कहा।
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद से ही लगातार उनका विरोध हो रहा है। जगह-जगह उनके खिलाफ देश में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अमेंठी में भी ब्राम्हण स्वाभिमान मंच के ब्राम्हणो ने स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर किए गए विवादित बयान को लेकर नाराजगी जताई और उनके विरोध में सड़को पर उतर गए। ब्राम्हण स्वाभिमान एकता मंच के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जमकर तहसील में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोदित एक ज्ञापन भी एसडीएम को सौपा।
मीडिया से बात करने के दौरान ब्राम्हण स्वाभिमान एकता मंच के अध्यक्ष ने यह भी ऐलान किया कि जो भी व्यक्ति स्वामी प्रसाद मौर्य के चेहरे पर कालिक पोतेगा उसको उनकी तरफ से 25 हजार रुपये का नाम दिया जाएगा।