गाजियाबाद : खोड़ा नगर पालिका परिषद बनी लूट का अड्डा, 160 लोगों पर फर्जी तरीके से घर बैठे वेतन लेने के आरोप, 56 कर्मचारी निलंबित, 104 पर जांच जारी
नमन सत्य ब्यूरो
गाजियाबाद की खोड़ा नगर पालिका परिषद से एक बड़ा खुलासा सामने आया है। जिसमें 160 कर्मचारियों पर गलत तरह से वेतन लेने के आरोप लगे हैं। फिलहाल मामले में 56 कर्मचारियों को अधिशासी अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया है। जबकि 104 कर्मचारियों को चिन्हित कर उन पर जांच जारी है। आपको बता दें कि खोड़ा नगर पालिका परिषद ने निजी कंपनी सनराइजवे टेक्नो इंडिया को आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों को रखने के लिए ठेका दिया था। जिसमें 420 कर्मचारियों को खोड़ा नगर पालिका परिषद में रखा गया था। इसमें सुपरवाइजर से लेकर सफाईकर्मी तक के कर्मचारी तैनात किए गए थे। इस दौरान इन 420 कर्मचारियों में से लगभग 160 कर्मचारी ऐसे थे, जो रोजाना सुबह समय से नगरपालिका तो आते थे लेकिन तत्काल हाजिरी लगाकर वापस घर लौट जाते थे। जिसकी शिकायत लगातार अधिशासी अधिकारी को मिल रही थी लिहाजा अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता ने गुप्त तरीके से मामले की जांच करवाई, तो पता चला कि लगभग 160 कर्मचारी बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल कर हाजिरी लगाकर वापस अपने घर लौट रहे हैं और फर्जी तरीके से घर बैठे नगर पालिका को चूना लगाकर वेतन वसूल रहे हैं। फिलहाल मामले में अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता ने तत्काल प्रभाव से 56 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, इसके साथ ही बाकी अन्य 364 कर्मचारियों में से 104 कर्मचारियों पर जांच के आदेश दिए हैं।
आखिर किस की मदद से नगर पालिका परिषद को लगाया जा रहा था चूना?
हैरानी की बात यह है कि पिछले लंबे समय से 56 कर्मचारी बायोमेट्रिक मशीन पर अपना अंगूठा लगाकर हाजिरी लगाते थे और वापस अपने घर लौट जाते थे। यह सिलसिला पिछले लंबे समय से चला आ रहा था। ऐसे में ये 56 कर्मचारी घर बैठे ही नगरपालिका से वेतन वसूल रहे थे। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार ये सब किसकी मिलीभगत से चल रहा था। आखिर इस घोटाले के पीछे वो कौन से लोग शामिल है जिनकी मदद से ये घोटालेबाज कर्मचारी घर बैठे वेतन वसूल रहे थे?। क्या इसमें नगर पालिका परिषद के अधिकारी, जिम्मेदार नेता या फिर ठेका लेने वाली कंपनी जिम्मेदार हैं? आखिर कैसे पिछले लंबे समय से चोरी छुपे नगरपालिका में इतना बड़ा खेल होता रहा और सब के सब जिम्मेदार अधिकारी और नेता कुंभकरण की नींद सोते रहे।
जल्द सार्वजनिक होगी फर्जी तरह से वेतन लेने वाले कर्मचारियों की सूची
आपको बता दें कि मामले में नमन सत्य न्यूज़ की तरफ से अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और फिर उसके बाद से खबर के लिखे जाने तक लगातार उनका फोन स्विच ऑफ जाता रहा। फिलहाल मामले में जल्द ही इन सभी घोटालेबाज कर्मचारियों की सूची जनता के सामने होगी।