हरियाणा: सेक्टर 77 स्थित एम्मार पाल्म हाईट्स सोसायटी की निर्माणधीन बहुमंजिला ईमारत से गरिकर 4 मजदूरों की मौत, एक की हालात गंभीर
हरियाणा ब्यूरो
दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में मंगलवार शाम बड़ा हादसा हो गया। जिसमें निर्माणधीन बहुमंजिला ईमारत से गरिकर 4 मजदूरों की मौत हो गई जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। जानकारी के अनुसार गुरुग्राम सेक्टर-77 स्थित निर्माणाधीन एम्मार पाल्म हाईट्स सोसायटी की 17वीं मंजिल पर कुछ मजदूर काम कर रहे थे। उस दौरान ये सभी मजदूर सामानों को नीचे से ऊपर लाने के लिए क्रेन पर शटरिंग रख रहे थे। तभी क्रेन का एकाएक संतुलन बिगड़ गया और दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे में 4 मजदूरो की जमीन पर गिर कर मौत हो गई। जबकि एक मजदूर 12वी मंजिल पर ही अटक गया। जिसको गंभीर हालातों में उमा संजीवनी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। जानकारों की माने तो जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त साइट पर लगभग 50 मजदूर मौजूद थे. जिसमें से अधिकांश मजदूर इमारत की दूसरी तरफ काम कर लगे थे। जबकि हादसे वाली साइट पर लगभग 10 मजदूर कार्य कर रहे थे। जैसे ही हादसा हुआ तो सभी मजदूरों में भगदड़ मच गई. चारों तरफ चीख पुकार मचने लगी। जिसके बाद स्थानिय लोगों ने मामले कि जानकारी पुलिस को दी तो मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
मानको के अनुरूप मजदूरो से काम करवा रहा था कांट्रेक्टर: सुरेश कुमार, एसीपी मानेसर
एसीपी मानेसर सुरेश कुमार ने बताया कि बिल्डर की तरफ से निर्माणधीन इमारत का काम जेजेआरएस कांट्रेक्टर को दिया गया था।जोकि मानको के अनुरूप मजदूरो से काम करवा रही थी। हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों को बिना सुरक्षा बेल्ट के ही 17वीं मंजिल के मुहाने पर बैठाया गया था। जिसके चलते ये दर्दनाक हादसा हो गया। पुलिस के अनुसार हादसे में बिहार के किशनगंज के रहने वाले मोहम्मद तहमीद, कुमोद, प्रेमसर और नवीन तिवारी की मौत हुई है। जिनके शवो को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
मजदूरों ने बिल्डर पर लगाया शवों को अनदेखा करने का आरोप
मौके पर मौजूद मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार और प्रोजेक्ट मैनेजर को मजदूरों की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं था। जिंदा रहते तो उनकी समस्याओं को सुनने और समझने वाला कोई नहीं था। मौत के बाद भी उनके शवो को अनदेखा किया गया।
बहरहाल ठेकेदार की इस लापरवाही ने शहर में चल रहे अन्य निर्माण कार्यों की भी पोल खोल दी है, लेकिन अब देखना ये होगा कि मामले में पुलिस द्वारा अन्य लापरवाह बिल्डरों के खिलाफ क्या कुछ एक्शन लिया जाता है। या फिर मामले में महज मुकदमा दर्ज कर, जांच के नाम पर ही खत्म कर दिया जाएगा।