July 5, 2024

असम दौरे पर बोले PM मोदी, आज गोलियों की नहीं तालियों की आवाज गूंज रही है

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दिल्ली ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम दौरे पर है. जहां उन्होंने कार्बी आंगलोंग जिले के दीफू में अमृत सरोवर प्रोजेक्ट और 7 नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी. साथ ही ‘शांति, एकता और विकास रैली’ में शामिल हुए. इस दौरान वह अपना सुरक्षा घेरा तोड़कर रैली में मौजूद लोगों और बच्चों से हाथ मिलाते दिखाई दिए.

PM Narendra Modi Assam Visit says Laying The Foundation Stone For Bright  Future Of Youth | असम दौरे पर बोले पीएम मोदी- ये सिर्फ इमारत नहीं बल्कि असम  के नौजवानों के भविष्य

पीएम मोदी ने यहां डबल इंजन की सरकार की खूब तारीफ की … इस रैली में इन्होने क्या क्या कहा – इसपर एक नजर डालते है.

असम की स्थाई शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था, उसको जमीन पर उतारने का काम किया जा रहा है. भाजपा की डबल इंजन सरकार युवाओं को नए अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है.

असम में 2600 से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का काम चल रहा है. यह जन भागीदारी से किया जा रहा है.

PM मोदी ने कहा- ये सुखद संयोग है कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब हम इस धरती के महान सपूत लचित बोरफुकान की 400वीं जन्मजयंती भी मना रहे हैं. उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रशक्ति की प्रेरणा है.

कार्बी आंगलोंग से देश के इस महान नायक को मैं नमन करता हूं. पहले यहां बम और गोलियों की आवाज सुनी जाती थी और आज यहां तालियां बज रही हैं, जयकारा गूंज रहा है.

2014 के बाद से नॉर्थ ईस्ट में मुश्किलें कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा . आज जब कोई असम के जनजातीय क्षेत्रों में आता है, नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में जाता है, तो हालात को बदलते देखकर उसे भी अच्छा लगता है

आपने मुझे समझा है और दिल से समझाया भी है. आपके सपने को पूरा करने के लिए हम भी जुटे हैं और आप भी जुटे हैं, मिलकर पूरा करेंगे.

असम में जैसे-जैसे शांति लौट रही है, वैसे-वैसे नियमों को भी बदला जा रहा है. हमने इसी वजह से AFSPA यानि आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट में कमी की है. नॉर्थ ईस्ट में हिंसा की घटना में 75% की कमी आई है. लंबे समय तक AFSPA नॉर्थ ईस्ट के अनेक राज्यों में रहा है.

लेकिन बीते 8 सालों के दौरान स्थाई शांति और बेहतर कानून व्यवस्था लागू होने के कारण हमने AFSPA को नॉर्थ ईस्ट के कई क्षेत्रों से हटा दिया है

बोडो अकॉर्ड हो या फिर कार्बी आंगलोंग का समझौता, लोकल सेल्फ गवर्नेंस पर हमनें बहुत बल दिया है. केंद्र सरकार का बीते 7-8 साल से ये निरन्तर प्रयास रहा है कि स्थानीय शासन की संस्थाओं को सशक्त किया जाये, अधिक पारदर्शी बनाया जाए.

सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ आज सीमा से जुड़े मामलों का समाधान खोजा जा रहा है. असम और मेघालय के बीच बनी सहमति दूसरे मामलों को भी प्रोत्साहित करेगी. इससे इस पूरे क्षेत्र के विकास की आकांक्षाओं को बल मिलेगा.

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