इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल में किया जा रहा शिफ्ट, राहुल गांधी ने जताया विरोध
दिल्ली ब्यूरो
साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान शहीद हुए 3,843 भारतीय जवान की याद में पिछले 50 साल से दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रज्वलित हो रही अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटाकर नेशनल वॉर मेमोरियल शिफ्ट किया गया है। अमर जवान ज्योति की मशाल को अब नेशनल वॉर मेमोरियल कि लौ से मिलाया जा रहा है। जिसको लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। कई लोग इसका विरोध जता रहे हैं, तो कई लोग इसके समर्थन में भी सामने आए हैं। पूर्व नेवी चीफ एडमिरल अरुण प्रकाश की मानें तो अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल में शिफ्ट करना सही होगा, दरअसल अमर जवान ज्योति को टेंपरेरी तौर पर इंडिया गेट पर रखा गया था लेकिन अब शहीद जवानों की याद में नेशनल वॉर मेमोरियल बना दिया गया है तो लिहाजा इस अमर जवान ज्योति को अब यही शिफ्ट कर देना चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था अमर जवान ज्योति का उद्घाटन
साल 1971 में शहीद हुए जवानों की याद में उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जवानों की याद में इंडिया गेट पर 26 फरवरी 1972 को इस ज्योति को प्रज्ज्वलित किया था। तब से अमर जवान ज्योति इंडिया गेट पर ही प्रज्वलित की जा रही थी। हालांकि 25 फरवरी साल 2019 में केंद्र सरकार ने नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण किया था। जिसमें देश की आजादी के बाद से साल 2021 तक शहादत दे चुके लगभग 26500 भारतीय जवानों के सम्मान में दीप प्रज्वलित की गई थी। जिसे अब इसी दीप के साथ अमर जवान ज्योति को भी मिलाया जा रहा है।
शहीद भारतीय सैनिकों की याद में ब्रिटिश सरकार ने बनाया था इंडिया गेट
देश की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार ने किया था। दरअसल साल 1914 से लेकर साल 1921 के बीच ब्रिटिश सरकार की तरफ से पहले विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान में ब्रिटिश सरकार ने 42 मीटर ऊंचे इंडिया गेट का निर्माण कराया था। उस दौरान ब्रिटिश सरकार ने शहीद हुए सभी सैनिकों के नाम भी इंडिया गेट पर लिखवाए थे।
अमर ज्योति जवान के शिफ्ट होने पर राहुल गांधी ने जताया विरोध
अमर ज्योति का विलय होने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने ट्वीट में लिखा कि ‘कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान को नहीं समझ सकते। ‘हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे। तो वहीं दूसरी तरफ मनीष तिवारी ने कहा कि ये इतिहास बदलने की कवायद है।