April 12, 2025

आखिरकार मान गए किसान, किसान आंदोलन खत्म कर घर वापसी में जुटे

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किसान आंदोलन खत्म कर घर वापसी में जुटे

दिल्ली,

दिल्ली बॉर्डर पर साल भर से धरने पर बैठे किसान आखिकार मान ही गए .और किसान आंदोलन खत्म हो गया. 378 दिन से चल रहा किसान आंदोलन को आज औपचारिक रूप देकर खत्म कर ही दिया गया. सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने टेंट उखाड़ने शुरू कर दिए हैं. साथ ही घर वापसी की तैयारी भी शुरू कर दी गई है.

11 दिसंबर को होगा फतेह मार्च

आंदोलन खत्म होने के साथ-साथ अब आंदोलन की अगुवाई करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों ने अपना कार्यक्रम भी बना लिया है. किसानों के मुताबिक 11 दिसंबर को दिल्ली से पंजाब के लिए फतेह मार्च होगा. जिसमें सिंघु और टिकरी बॉर्डर से किसान एक साथ पंजाब के लिए वापस रवाना होंगे. जो सीधा जाकर13 दिसंबर को पंजाब के अमृतसर में श्री दरबार साहिब जाकर मत्था टेकेंगे. उसके बाद 15 दिसंबर को पंजाब में करीब 113 जगहों पर लगे मोर्चे खत्म कर दिए जाएंगे.

आंदोलन खत्म करने के बाद किसानों की राय

किसान नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि अहंकारी सरकार को हम झुकाकर जा रहे हैं. हालांकि, यह मोर्चे का अंत नहीं है. हमने इसे स्थगित किया है.15 जनवरी को फिर संयुक्त किसान मोर्चा की फिर मीटिंग होगी. जिसमें आंदोलन की समीक्षा करेगा.

किसान नेता अशोक धावले ने कहा कि आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है. किसानों की जीत हुई है. इस जीत के लिए हमारे किसानों ने बदनामी का सामना किया. और गर्मी, बारिश, कोरोना का सामना करके जीत हासिल की है.

तो वहीं किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि अगर सरकार ने अपने वादे पूरा नहीं किए तो आंदोलन फिर से शुरू करेंगे.

राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा था है और हमेशा रहेगा. कहीं पर भी देश में SKM के लोग जाएंगे उन्हें उसी तरह से सम्मान से देखा जाएगा. लेकिन कल एक दुखद घटना हुई है. इसलिए हम उस दुखद घड़ी में देश के साथ है. परसों से हम विजय के साथ अपने गांवों को जाना शुरू करेंगे.

तो वहीं योगेन्द्र यादव ने कहा कि 11 तारीख को विजय दिवस मनाकर पूरे देश से धरने-मोर्चे उठा लिए जाएंगे. आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है. एमएसपी का संघर्ष बाकी है. साथ ही लखीमपुर खीरी का भी मामला अभी बाकी है.

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी कहा कि अगर सरकार अपने वादे से मुकरती है तो हम 15 जनवरी को दिल्ली की बैठक में फिर आगे की रणनीति तय करेंगे.

तो वहीं 5 सदस्यीस कमेटी के मेंबर शिवकुमार कक्का ने कहा कि देश के जिन लोगों को इस आंदोलन से दिक्कत हुई है उनसे हम माफी मांगते हैं.

कैसे माने किसान ?

केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की 5 सदस्यीय कमेटी से मीटिंग की. जिसमें बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, अशोक धावले, युद्धवीर सिंह और शिवकुमार कक्का शामिल हैं. सरकार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों से चर्चा की और फिर किसानों से बात कर जिन बातों पर पेंच फंसा था. वो तुरंत ही वापस ले लिया गया साथ ही एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. जिसमें सारी बातों को मान लिया गया.

तो वहीं हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार केस वापसी पर सहमत हो गई है. साथ ही मुआवजे पर भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सहमति बन गई है. वहीं पंजाब सरकार पहले ही 5 लाख के मुआवजे का एलान कर चुकी है.

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