ममता ने किया कांग्रेस के साथ खेला, कांग्रेस ने किया पलटवार, दी हिदायत

ममता ने किया कांग्रेस के साथ खेला
नेशनल डेस्क,
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के दिए बयान से कांग्रेस और TMC के बीच जंग छिड़ गई है. बीते दिन महाराष्ट्र में NCP प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि UPA खत्म हो गया है. साथ ही राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा था कि कोई विदेश में रहता है, और कुछ करता नहीं तो कैसे चलेगा. जिसके बाद कांग्रेस ने ममता को निशाने पर ले लिया है.
किसने क्या कहा ?
रणदीप सुरजेवाला ने कहा- ये विचारधारा की लड़ाई है
कांग्रेस प्रजातंत्र है सच्चाई है भाईचारा है विविधता में एकता है. क्योंकि हमारी मोदी जी व्यक्ति से नहीं बल्कि बीजेपी आरएसएस की सोच से है. राहुल जी, सोनिया जी, प्रियंका जी, सभी नेता और करोड़ों कांग्रेसी जन बगैर दबे लड़ाई लड़ रहे है ये विचारधारा की लड़ाई है. सभी विपक्षी पार्टियों को आत्मसात करने की जरूरत है. राजनीतिक अवसरवादिता और सच की लड़ाई में फर्क हूं. ममता जी रेल मंत्री बनी 1999 से 2001 तक. 2000 मे nda पसंद नही और इस्तीफा दिया. फिर 2001 में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ा.2003 में फिर बीजेपी में माइंस की मंत्री बनी. उनका बयान था बीजेपी नेचुरल आलय है. 2008 में NDA नापसंद हो ग.ई 2009 में UPA में मंत्री बनी. 2013 में UPA से अलग हो गयी. राजनीतिक अवसरवादी और असूलों की लड़ाई में फर्क वे आत्ममंथन करें.
साथ ही ममता को पार्टी तोड़ने वाला भी बताया कहा कि-ममता जी भी वही कर रही है जो मोदी जी करते हैं. वे भी विधायक खरीदते हैं मोदी जी भी करते है. पार्टी तोड़ते है वह भी पार्टी तोड़ रही है. क्या ममता जी फांसीवादी सोच पर तो नही चल पड़ी. 20 अगस्त के दिन बयान दिया था कि प्रजातंत्र को बचाने के किये आगे आना होगा. ये तब होगा जब हम एकजुट रहे.
कपिल सिब्बल ने कहा- UPA ऐसा जैसे बिना आत्मा का शरीर
अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि UPA में कांग्रेस की जरूरत को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के बिना UPA ऐसा है, जैसे बिना आत्मा का शरीर.
अधीर रंजन ने कहा – भारत का मतलब बंगाल नहीं
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ने भी तीखी प्रतिक्रिया की है. कहा है कि ममता बनर्जी को क्या नहीं पता है कि UPA क्या है? ममता को लग रहा है कि पूरा देश उनका नाम जप रहा है. भारत का मतलब बंगाल नहीं है. बंगाल में ममता ने जो सांप्रदायिक खेल खेला था, अब वह उजागर हो रहा है.