दिल्ली: प्रदूषण से हाल बेहाल, सरकार की बढ़ रही टेंशन, जहरीली हवा के बीच खुले कॉलेज और स्कूल
दिल्ली ब्यूरो
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदूषण से बिगड़ते हालात को देखते हुए अब एक तरफ सरकार तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट भी टेंशन में आ चुका है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सरकारों को प्रदूषण से निपटने के हिदायत भी दे रहा है। तो वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय प्रदूषण से बिगड़ते हालातों को देखते हुए लगातार हाई लेवल बैठक कर रहे हैं, ताकि राजधानी की जहरीली हवा से दिल्लीवासियों को मुक्त कराया जा सके। वहीं दिल्ली वासियों की मानें तो प्रदूषण से लोगों को आंख और गले में जलन महसूस हो रही है। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
प्रदूषण से निपटने को लेकर सरकारों द्वारा उठाए जा रहे कदम से दिल्लीवासी बेहद नाराज दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम धरातल पर नजर नहीं आ रहे। लोगों का ये भी आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकारों में तालमेल ना होने के चलते प्रदूषण पर लगाम नहीं लग पा रही हैं।
गौरतलब है कि पिछले 2 सालों के मुकाबले इस बार प्रदूषण का स्तर बेहद ही ज्यादा खराब देखने को मिल रहा है, क्योंकि साल 2019 की बात करें तो उस दरमियान प्रदूषण केवल 7 दिन तक रहा था, साल 2020 में प्रदूषण ने 11 दिन तक लोगों को अपनी चपेट में रखा था हालांकि इस बार साल 2021 में प्रदूषण ने पिछले दो साल के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
सोमवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार दर्ज किया गया। इन सब के बीच प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने हाल ही में सभी कॉलेज और स्कूल बंद रखने के आदेश दिए थे। हालांकि सोमवार से इन्हें खराब प्रदूषण के बीच एक बार फिर से खोल दिया गया है। स्कूली बच्चों की माने तो स्कूल खोलना बेहद जरूरी हो चुका है क्योंकि आगामी दिन में परीक्षाएं भी है। ऐसे में विद्यार्थियों को तैयारियां भी करनी है। प्रदूषण से स्कूलों को बंद रखना उचित नहीं है लोगों को अपना बचाव खुद ही करना होगा।
बरहाल दिल्ली में प्रदूषण से हाल बेहाल हो चुके हैं। ऐसे में सरकार लगातार प्रदूषण से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है जिसको लेकर राजधानी में 3 दिसंबर तक पेट्रोल डीजल वाले कमर्शियल वाहनों की एंट्री पर भी बैन लगा दी गई है ताकि लोगों को जहरीली हवा से मुक्ति मिल सके और लोग खुलकर सांस ले सकें।